
स्मार्ट मीटर लगवाने वाले बिजली उपभोक्ताओं से बिजली कंपनियों ने कनेक्शन काटने व जोड़ने के लिए 100 रुपए तथा मोबाइल पर एसएमएस भेजने के लिए प्रति एसएमएस 10 रुपए चार्ज करने का फैसला किया है। इस संबंध में पावर कॉर्पोरेशन प्रबंधन ने उत्तर प्रदेश विद्धुत नियामक आयोग को जवाब भेजते हुए लिखा है कि टेलिकॉम कंपनियां व बैंकों की तर्ज पर ही यह व्यवस्था लागू कि जा सकती है।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्धुत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि पावर कार्पोरेशन स्मार्ट मीटर लगवाने वाले उपभोक्ताओं की जेब काटने की तैयारी कर रहा है। परिषद की तरफ से पहले ही आयोग को इसके विरोध में प्रस्ताव दिया जा चुका है। उन्होंने बताया कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिजली का कनेक्शन काटने व जोड़ने के लिए कर्मचारियों को उपभोक्ताओं के घर नहीं जाना पड़ेगा बल्कि सारा काम कम्प्यूटर से ही हो जाएगा। अवधेश कुमार ने सवाल किया कि जब कनेक्शन काटने व जोड़ने के लिए किसी को मौके पर जाने कि ज़रूरत नहीं है फिर उपभोक्ताओं से 100 रुपए का शुल्क किस आधार पर लेने की तैयारी है।
जून में भी भेजा गया था प्रस्ताव
इससे पहले जून में भी स्मार्ट मीटर को लेकर ऐसा ही प्रस्ताव भेजा गया था। उस समय कंपनियों ने कनेक्शन काटने व जोड़ने के लिए 50 रुपए और प्रति एसएमएस 10 रुपए लेने का प्रस्ताव रखा था।
देश में कहीं नहीं लिया जाता चार्ज
पूरे देश में कहीं भी एसएमएस अलर्ट के लिए 10 रुपये चार्ज नहीं लिया जाता है। रीकनेक्शन और डिस्कनेक्शन पर फीस इसलिए दी जाती है क्योंकि विभाग को सीढ़ी ले जाकर कनेक्शन काटना और जोड़ना पड़ता है। इसमें मैनपॉवर लगती है। जबकि स्मार्ट प्रीपेड मीटर में रीकनेक्शन और डिस्कनेक्शन ऑनलाइन होता है, इसमें मैनपावर का इस्तेमाल नहीं होता उन्होंने कहा कि बकाए की स्थिति में कनेक्शन काटने से पहले उपभोक्ता को 15 दिन का लिखित नोटिस देने का प्राविधान है।