परीक्षा पर सरकार सख्त : यूपी बोर्ड में 90 फीसदी से ज्यादा अंक आए तो दोबारा चेक होंगी कॉपी

प्रदेश सरकार ने इस बार नकल करने वालों पर पूरी तरह सख्ती बरती है और अब उसका इरादा मूल्यांकन में भी सख्ती बरतने का है। यूपी बोर्ड ने इसके लिए बोर्ड ने इसके लिए परीक्षकों को निर्देश जारी किए हैं।
बोर्ड ने परीक्षकों से कहा है कि कॉपियों के मूल्यांकन के दौरान अगर परीक्षार्थी को किसी विषय या प्रश्नपत्र में 90 प्रतिशत या ज्यादा अंक दिए गए हैं तो उस विषय/प्रश्नपत्र की कॉपियों का दोबारा मूल्यांकन किया जाए। इसके साथ ही इसकी जानकारी उप प्रधान परीक्षक को अलग से उपलब्ध करवाई जाए। उप प्रधान परीक्षक को भी इस मामले में अपनी सहमति या असहमति की रिपोर्ट अंकित करनी होगी।
17 मार्च से शुरू होने जा रहे कॉपियों के मूल्यांकन के लिए परीक्षकों से यह भी कहा गया है कि वे एक दिन में हाईस्कूल की 50 या इंटरमीडिएट की 45 कॉपियां ही जांचेंगे। अक्सर यह देखा गया है कि परीक्षक मानदेय के लिए ज्यादा कॉपियां जांचते हैं। इससे मूल्यांकन की गुणवत्ता पर असर पड़ता है।
इसलिए शासन ने बोर्ड को निर्देशित किया था कि परीक्षा की तरह ही मूल्यांकन की गुणवत्ता पर भी ध्यान रखा जाए। परीक्षकों को हर दिन इस संबंध में शपथ पत्र भी देना होगा। इसमें कॉपियों के मूल्यांकन में अनियमितता न होने की बात होगी। कॉपियों के मूल्यांकन के बाद उनमें किसी तरह का फेरबदल न हो इसके लिए परीक्षकों से कहा गया है कि गलत प्रश्नों के लिए शून्य अंक जरूर अंकित करें। बोर्ड परीक्षा की करीब सात करोड़ कॉपियों का मूल्यांकन 17 मार्च से प्रदेश के 247 केंद्रों पर शुरू होगा। इसके लिए करीब 1.45 लाख शिक्षकों को ड्यूटी लगाई गई है।
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