
यूपी बोर्ड ने पूर्व की परीक्षाओं के दौरान हुई घटनाओं को देखते हुए वर्ष 2025 की हाईस्कूल व इंटर परीक्षा नकलविहीन और निष्पक्ष करने के लिए 17 जिलों को अति संवेदन शील घोषित किया है। इन जिलों में परीक्षा केन्द्रों स्ट्रांग रूम और परीक्षा के दौरान आसपास एसटीएफ भी तैनात रहेगी। इसके साथ ही मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इन जनपदों के जिलाधिकारियों के नकल माफिया और असमाजितक तत्वों पर विशेष निगरानी रखते हुए सख्त कार्रवाई करने को कहा है।
नकल माफिया के लिहाज से जिन 17 जिलों को अति संवेदनशील घोषित किया गया है वो हैं आगरा, मथुरा, बागपत, अलीगढ़, मैनपुरी, एटा, हरदोई, आजमगढ़, बलिया, मऊ, प्रयागराज, कौशांबी, चंदौली, जौनपुर, गाज़ीपुर, देवरिया और गोंडा. बोर्ड ने इन जिलों को संवेदनशील इसलिए घोषित किया है क्योंकि यहा विगत सालों परीक्षा के दौरान सामूहिक नकल और प्रश्नपत्र वायरल होने के बाद परीक्षा को दोबारा करवाना पड़ा था।
कंट्रोल रूम से ऑनलाइन की जाएगी निगरानी
इन जिलों के परीक्षा केंद्रों के स्ट्रॉन्ग रूमों की यूपी बोर्ड अपने राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम और जनपदीय कंट्रोल रूम से विशेष रूप से अनवरत ऑनलाइन निगरानी कराएगा। इसके अलावा इन जिलों की सूची एसटीएफ से भी साझा की जाएगी, ताकि वहां एसटीएफ की टीम अपनी सक्रियता बढ़ा सके।
केंद्रों पर पुलिस बल की तैनाती भी रहेगी
इन केंद्रों पर अन्य केंद्रों की तुलना में अधिक संख्या में पुलिस बल की तैनाती भी रहेगी। इन जिलों में तैनात किए गए राज्य पर्यवेक्षक विशेष पर्यवेक्षण करेंगे। इसके अतिरिक्त जिला प्रशासन की ओर से नियुक्त सेक्टर मजिस्ट्रेट भी पर्यवेक्षण करेंगे।
बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने कहा है कि किसी भी तरह से नकल कराने की स्थिति मिलने पर दोषियों के विरुद्ध उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम 2024 के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें आजीवन कारावास तक सजा व एक करोड रुपये तक जुर्माने का प्रविधान है।