रोजगार सृजन में यूपी बना शीर्ष राज्य

लोकसभा चुनाव में विपक्ष ने बेरोजगारी व पेपर लीक के मुद्दे को लेकर सरकार को घेरा था। पेपर लीक होने के कारण सरकार भी बैकफुट पर थी। नतीजतनलोकसभा चुनाव में अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन न कर पाने के बाद सरकार ने बेरोजगारी व पेपर लीक के मुद्दे पर काम शुरू किया। सरकार ने लोकसभा चुनाव में उठे बेरोजगारी व पेपर लीक के मुद्दों की हवा निकालने के मोर्चे पर काम तेज कर दिया है। अगस्त व सितंबर माह में 50 हजार से ज्यादा युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराकर सरकार ने रोजगार सृजन में उत्तर प्रदेश को अग्रणी राज्य बना दिया है। सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया पर भी काम किया जा रहा है। इसके लिए सरकार ने सभी विभागों से रिक्त पदों की जानकारी एकत्र कर ली है। बीते माह पुलिस सिपाही प्रवेश परीक्षा सम्पन्न करा कर सरकार यह संदेश दे पाने में कामयाब रही है कि अब उत्तर प्रदेश में भर्ती परीक्षाएं शुचिता के साथ संपन्न हो सकती हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते दिनों निजी क्षेत्रों में एक करोड़ रोजगार उपलब्ध कराने व दो वर्षों में दो लाख सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी। सरकार मिशन रोजगार के तहत भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए प्रयासरत है।

पिछले दो महीने में यूपी में युवाओं को दिये रोजगार का ब्यौरा

  • 18 अगस्त को अयोध्या में 5,574 युवाओं को राजगार उपलब्ध कराया गया।
  • 18 सितंबर को गाजियाबादमें 2,505 युवाओंकोनौकरीमिली।
  • 18 सितंबर को प्रयागराज में 8,743 युवाओं को नौकरी मिली
  • 22 अगस्त को मुजफ्फरनगर में 4,952 युवाओं को नौकरी मिली।
  • 27 अगस्त को मैनपुरी में 3,710 युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए गए।
  • 28-29 अगस्त को अलीगढ़ में 3,991, कानपुरनगरमें 1,000, मीरजापुर में 4,298, मुरादाबाद में 7,220 युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए गए।

उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से चयनित 647 वन रक्षक व वन्यजीव रक्षक और 41 अवर अभियंताओं को सितंबर माह में नियुक्ति पत्र सौंपे गए। सरकार ने महिलाओं के लिए रोजगार और सुरक्षा के मुद्दे पर भी गंभीरता से काम शुरू किया है।

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