योगी सरकार ने प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इन्हीं प्रयासों का नतीजा है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार हुआ है और लोगों को सुगम रास्ता और गुणवततापूर्ण इलाज मिल रहा है। कभी बीमारू प्रदेश के नाम से जाना जाने वाला यूपी आज स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक डॉ पिंकी जोवल ने बताया कि प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे को बजबूत बनाने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा लगातार विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। वर्तमान में 352 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों (सीएचसी) से अधिक को फ़र्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) की सुविधाओं से लैस किया गया है। इसके अलावा 72 स्वास्थ्य इकाइयों को पहली बार सौर ऊर्जा से बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की गई है। पिछले एक वर्ष में 10000 से अधिक स्वास्थ्य उपकेन्द्रों को बिजली की सुविधा से जोड़ा गया है जिससे राज्य के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हुआ है। सभी जिलों में डायलिसिस सेवाएं शुरू की गई है जिससे किडनी रोगियों को बड़ी राहत मिली है। साथ ही 74 जिलों में सीटी स्कैन की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है जिससे रोगियों को सस्ती और सुलभ जांच सेवाएं प्राप्त हो रही है।
प्रदेश भर में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को मान्यता दिलाने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत अब तक 800 से अधिक स्वास्थ्य इकाइयों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है। यह प्रमाण पत्र प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार का प्रमाण है। इसके साथ ही ऑन-कॉल निजी विशेषज्ञों और स्त्री रोग विशेषज्ञों की व्यवस्था ने ग्रामीण के साथ शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाया है।
प्रदेश में प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत 4,892 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को अमलीजामा पहनाया गया है। इनमें 515 ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट, 75 जिला स्तर पर इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब और 74 क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक का निर्माण शामिल है। अब तक 2,334 परियोजनाओं में से 2,100 पर काम शुरू हो चुका है और 1,321 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। भवन निर्माण के तहत 1,670 परियोजनाएं शुरू हुईं, जिनमें से 1,173 पूरी हो चुकी हैं।
योगी सरकार के इन प्रयासों से न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार हुआ है, बल्कि आम जनता को बेहतर और किफायती इलाज का लाभ भी मिल रहा है। मरीजों को विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवाएं सुगम तरीके से उपलब्ध कराई जा रही हैं। योगी सरकार के इन सुधारात्मक कदमों ने उत्तर प्रदेश को स्वास्थ्य के क्षेत्र में बीमारू प्रदेश की छवि से उबारकर ‘स्वस्थ प्रदेश’ बना दिया है।
प्रदेशवासियों को अब सुगम, सस्ता और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं, जो न केवल प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित हो रही हैं, बल्कि देश के अन्य राज्यों के लिए मॉडल बनकर उभरी हैं।