रंग लाई मोदी सरकार की मुहिम! 64,275 धनकुबेरों ने किया कालेधन का खुलासा

केंद्र की मोदी सरकार की तिजोरी घरेलू आय घोषणा योजना से भर गई है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घरेलू आय घोषणा योजना (आईडीएस) के तहत लोगों की ओर से घोषित कालेधन की जानकारी दी है। जेटली ने बताया कि पिछले 4 महीनों में 64,275 लोगों ने 65,250 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति की जानकारी दी है।
देर रात तक लगी रही भीड़
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि टैक्स चोरी रोकने के लिए उनकी सरकार ने कई सख्त कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि कालाधन डिक्लेरेशन स्कीम के अंतिम दिन आयकर कार्यालय में लोगों की भीड़ देर रात लगी रही।
दरअसल केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने प्रधान आयकर आयुक्तों को 30 सितंबर को आधी रात तक काउंटर खोलने के निर्देश दिए थे ताकि घरेलू आय घोषणा योजना (आईडीएस) के तहत लोगों को अपनी अघोषित संपत्ति की घोषणा करने में सुविधा हो।
इससे पहले 1997 में एचडी देवेगौड़ा के कार्यकाल में वित्तमंत्री पी चिदंबरम की ओर से घरेलू आय घोषणा योजना के तहत लोगों से 33 हजार करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति का ऐलान किया था, उस दौरान 4 लाख से अधिक लोगों ने अपनी अघोषित संपत्ति का ब्योरा दिया था। जबकि पिछले साल विदेशों में जमा कालेधन के रूप में केवल 4164 करोड़ रुपये की घोषणा हुई थी, जिससे टैक्स के रूप में केवल 2428 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई थी।
नाम रखा जाएगा गोपनीय
इस स्कीम के तहत से अघोषित संपत्ति की घोषणा करने वालों की सभी जानकारी गोपनीय रखी जा रही है। इन लोगों से संपत्ति को लेकर भविष्य में भी आयकर विभाग के द्वारा किसी तरह की पूछताछ नहीं की जाएगी। यही नहीं, घोषणाकर्ता को एक साल के अंदर के बेनामी संपत्ति के हस्तांतरण पर कोई पूंजी लाभ या टीडीएस नहीं देना होगा।
अब कार्रवाई की तैयारी
सरकार ने कालेधन का खुलासा करने के लिए 4 महीने का वक्त दिया था जो शुक्रवार को खत्म हो गया। खबरों की मानें तो हैदराबाद खुलासा करने के मामले में नंबर वन पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही कह चुके हैं 30 सितंबर के बाद ब्लैकमनी पर वो सख्ती दिखाएंगे। टैक्स एक्सपर्ट ने भी इस काले धन को सफेद करने का बेहतर मौका बताया है।
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