प्रयागराज पहुंचे दो क्रूज, जनवरी से श्रद्धालु कुम्भ मेले के लिए कर सकेंगे सवारी
भारत के प्रयागराज में 15 जनवरी से चार मार्च से दुनिया का सबसे बड़ा मेला कुम्भ मेला शुरू हो रहा है। कुम्भ मेले में श्रद्धालुओं और पर्यटकों को रेल, सड़क और हवाई मार्ग के साथ ही जलमार्ग से भी लाने की तैयारी कर ली गई है। इसके साथ ही कुम्भ में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को प्रयागराज के आसपास के दर्शनीय स्थलों की सैर जलपोत (क्रूज) से कराई जाएगी। इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
कुम्भ मेले के लिए प्रयागराज में नए साल से लोग जल परिवहन का आनंद ले सकेंगे। भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रवीर पांडेय ने बताया कि प्रयागराज और वाराणसी के बीच बड़े बोट और क्रूज चलाए जाने की कार्ययोजना तैयार हो चुकी है, इसके लिए यमुना और गंगा नदी में पांच-पांच अस्थाई टर्मिनल भी तैयार कर लिए गए हैं। यमुना नदी में भी पांच अस्थाई टर्मिनल बनाए गए हैं।
अस्थाई टर्मिनल का किया गया निर्माण
प्रवीर पांडेय ने बताया कि यमुना नदी में सरस्वती घाट, किला घाट, बोट क्लब, पुराने यमुना ब्रिज के पास और सुजावनदेव में बार्ज लगाकर टर्मिनल बनाया गया है जबकि गंगा नदी में इलाहाबाद से वाराणसी के बीच छतनाग, सीतामढ़ी, विन्ध्याचल, चुनार और सिरसा में कुंभ के मद्देनजर अस्थाई टर्मिनल का निर्माण किया गया है। वाराणसी से इलाहाबाद के बीच बड़े बोट और क्रूज का संचालन हो सके इसके लिए नदी में एक मीटर का चैनल बनाया गया है।
दो क्रूज पहुंचे प्रयागराज
प्रवीर कुमार ने बताया कि प्राधिकरण के दो जहाज सीएन कस्तूरबा और एसएल कमला प्रयागराज पहुंच चुके हैं। सीएल कस्तूरबा की क्षमता करीब 150 यात्रियों की है। दोनों जलयान कुम्भ के दौरान यात्रियों के परिवहन के काम में लाए जाएंगे, इसके साथ ही निजी क्रूज और बड़े बोट भी लाइसेंस लेकर गंगा और यमुना नदियों में चलेंगे। योजना के मुताबिक, हल्दिया से इलाहाबाद जल मार्ग से माल परिवहन के लिए भी तैयारियां तेज हो गई हैं। हल्दिया से इलाहाबाद की जल मार्ग से दूरी 1620 किमी है और वाराणसी में बंदरगाह शुरू होने के बाद प्रयागराज में भी बंदरगाह का निर्माण जल्द शुरू करने के लिए सभी पहलुओं पर विचार चल रहा है। बंदरगाह बनाने के लिए भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने पहले ही जमीन खरीद रखी है।
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