यूपी के अलग-अलग शहरों में होंगे ट्रेड शो, प्रदेश की अर्थव्यवस्था होगी और भी मजबूत

यूपी इन्टरनेशनल ट्रेड शो-2024 की सफलता से उत्साहित सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग (एमएसएमई) विभाग अब सभी 18 मंडलों में ऐसे आयोजन कराएगा। विभाग ने इसकी कार्ययोजना बनानी शुरू कर दी है। इससे छोटे उध्यमियों को बड़ा बाज़ार मिलेगा। पहले चरण में लखनऊ, वाराणसी, बरेली, आगरा व ग्रेटर नोएडा में ट्रेड शो आयोजित होंगे।

लोकभवन में गुरुवार को पत्रकारों से बात-चीत में एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने बताया कि प्रदेश के हर मण्डल में एक एग्जीबिशन सेंटर की स्थापना पर काम भी चल रहा है जिससे स्थानीय उढ़्योगों में कारीगरों को एक बड़ा मंच प्रदान किया जा सके। उन्होने कहा कि ग्रेटर नोएडा में हुए ट्रेड शो-2024 ने प्रदेश के औद्योगिक विकास व वैश्विक व्यापार को नई ऊंचाई दी है। पहले यूपी इन्टरनेशनल ट्रेड शो की तुलना में इस बार 48.91 प्रतिशत अधिक आगंतुकों ने भागेदारी की। इस बार ट्रेड शो में 425268 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया जो पिछले वर्ष की तुलना में 48.91 प्रतिशत अधिक है।

यह व्रद्धि उत्तर प्रदेश के उढ्योगों की बढ़ती क्षमता की प्रतीक है। इस बार बिजनेस टू बिजनेस व बिजनेस टू कस्टमर क्षेत्रों में बड़ा उछाल मिला। इसमें 103688 बिजनेस टू बिजनेस प्रतिभागियों व 321580 बिजनेस टू कस्टमर प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। पिछले आयोजन की तुलना में बिजनेस टू बिजनेस प्रतिभागियों की संख्या 42.84 प्रतिशत व बिजनेस टू कस्टमर प्रतिभागियों की संख्या 50.98 प्रतिशत अधिक रही। सचान ने बताया कि आयोजन में 2500 से अधिक उदयमियों ने अपने उत्पाद व सेवाओं का प्रदर्शन किया। 500 से अधिक विदेशी खरीददारों ने भी हिस्सा लिया। वियतनाम को पार्टनर कंट्री के रूप में चुना गया। वियतनाम पर्यटन व टेक्सटाइल क्षेत्रों में प्रदेश के साथ व्यापारिक सम्बन्धों को बढ़ाने के लिए उत्सुक है।

मंत्री राकेश सचान ने बताया कि यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2024 में केवल स्थापित उद्योग ही नहीं, बल्कि विभिन्न श्रेणियों के नए उद्योगों को भी शामिल किया गया है। इस बार रक्षा निर्माण, ई-कॉमर्स, चीनी मिलों और वन उत्पादों जैसे क्षेत्रों की भी भागीदारी सुनिश्चित की गई है। इससे प्रदेश के औद्योगिक और व्यापारिक दायरे का विस्तार हुआ है, जो राज्य के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। ट्रेड शो में प्रदर्शित उत्पादों को विदेशी खरीदारों ने काफी सराहा। जूट से बने थैलों को पांच करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला। जबकि वाराणसी की प्रसिद्ध गुलाबी मीनाकारी को भी पांच करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला। यह उत्तर प्रदेश के हस्तशिल्प और कारीगरों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। जो राज्य की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के मुख्यमंत्री के लक्ष्य को पूरा करने में मदद करेगा।

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