मिलावटखोरों के खिलाफ इस युवा IAS ने छेड़ी जंग, 750 व्यापरियों को भेजा जेल

अगर हर आदमी अपना काम ईमानदारी से करने लगे तो कोई समस्या ही न पैदा हो। खासकर प्रशासन में बैठे लोग अगर अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाने लगे तो ज्यादातर समस्याओं का निपटारा चुटकियों में हो जाएगा। ऐसा नहीं सभी लोग अपनी जिम्मेदारी से भागते हैं, अब समय बदल रहा है। प्रशासन में बैठे अधिकारी, खासकर युवाओं ने जिस तरह कमान संभाला है वो काबिलेतारीफ है। आज हम आपको एक ऐसे ही युवा अधिकारी के बारे में बताने जा रहे हैं।
साल 2010 में यूपीएससी की परीक्षा में चौथी रैंक लाने वाली यह महिला आईएएस टी.वी. अनुपमा आज अन्य ऑफिसर्स के लिए मिसाल पेश कर रहीं हैं। इतना ही नहीं इन्होंने अपनी ईमानदारी और बहादुरी का परिचय देते हुए यह भी साबित कर दिया कि महिला किसी मामलों में पुरुष से कम नहीं है। केरल में मिलावट के धंधे का पर्दाफाश करते हुए कई कारोबारियों को सलाखों के पीछे धकेलने वाली इस अधिकारी की कहानी बेहद प्रेणादायक है।
फूड सेफ्टी कमिश्नर के पद पर तैनात हैं अनुपमा
टी.वी. अनुपमा इस समय केरल में फूड सेफ्टी कमिश्नर के पद पर कार्यरत हैं। इनकी सख्ती का आलम यह हो गया है कि, इनके नाम से ही मिलावटखोरों के पसीने छूट जातें हैं। अनुपमा अपने शख्त रवैये को लेकर काफी चर्चित है और उन्होंने जगह-जगह छापे मारकर मिलावटखोरों के नाक में दम कर रखी है। इनके डर से वहां के मिलावटखोरों ने मिलावट करना बंद कर दिया। आपको बता दें, अनुपमा ने महज 15 महीनों में ही 6000 नमूने निकलवाए और मिलावटखोरों के खिलाफ 750 मुकदमें व केस दर्ज करवाए। अनुपमा के द्वारा लिए गए इन सख्त निर्णयों के कारण इनका नाम एक तेज-तर्रार अफसर के रूप मे लिया जाने लगा है।
मंडियों में भी कार्यवाही
अनुपमा ने केरल की कई मंडियों में ताबड़तोड़ कार्यवाही की और जांच के दौरान नमूने में 300 फीसदी कीटनाशक तत्त्व पाया जो सामान्य कीटनाशकों के अनुपात में कहीं ज्यादा थे। यह परिणाम लोगों के स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक था, इसलिए अनुपमा ने मिलावटखोरों के खिलाफ कदम उठाने का निर्णय लिया। उनके इस निर्णय से उन्होंने लोगों के बीच एक अच्छे प्रशासन का उदाहरण पेश किया और भ्र्ष्ट लोगों के खिलाफ तुरंत कदम उठाते हुए आम जनता के भीतर पुलिसिया तंत्र के प्रति विश्वास पैदा किया।
खेती के लिए किया प्रेरित
अनुपमा ने लोगों को खुद घर में खेती करने को प्रेरित किया और उन्होंने इसके लिए मुहिम की शुरुआत भी की। केरल जहां पहले 70 फीसदी सब्ज़ियां कर्नाटक और तमिलनाडु से खरीदता था, वहीं आज वहां के लोग स्वयं ही 70 फीसदी सब्ज़ियां उपजा लेते हैं। आईएएस अनुपमा ने अपनी इस कैम्पैन को सोशल मीडिया के माध्यम से भी प्रोमोट किया।
अनुपमा के बारे में पूरी जानकारी के लिए यहां क्लिक करें।
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