
प्रदेश सरकार ने हरियाली बढ़ाने के लिए पौधारोपण अभियान के बाद दो वर्ष तक पौधों की सुरक्षा व देखभाल के भी नियम बना दिये हैं। चूंकि वन विभाग यह कार्य पहले से कर रहा है इसलिए उसे छोड़कर दूसरे विभागों के लिए पौधों की सुरक्षा अनिवार्य की जा रही है। यानि जो विभाग पौधे लगाएगा वही उसकी सुरक्षा व देखभाल भी करेगा। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला वृक्षारोपण समिति इस काम की निगरानी करेगी। समिति हर महीने इस बात की समीक्षा करेगी कि कितने पौधे लगाए गए थे और अब इनमें से कितने पौधे बचे हैं।
योगी सरकार इस बार भी प्रदेश में मानसून सीजन के दौरान 35 करोड़ पौधे लगाने जा रही है। इनमें 14 करोड़ पौधे वन विभाग व 21 करोड़ पौधे अन्य विभाग लगाएंगे। पिछले कुछ वर्षों में पौधरोपण के दौरान अनुभव रहा है कि वन विभाग तो अपने लगाए पौधों कि सुरक्षा कर लेता है लेकिन दूसरे विभाग नहीं कर पाते हैं।
रोपित पौधों की जीवन संभाव्यता सुनिश्चित करने के लिए रोपण के बाद दो वर्ष या फिर पौधों के वृक्ष रूप में स्थापित होने तक उनकी सुरक्षा व रख रखाव अनिवार्य कर दिया गया है। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की ओर से सभी विभागों को भेजे गए निर्देश में स्पष्ट कहा गया है कि जो विभाग पौधे लगाएगा वही उनकी सुरक्षा भी करेगा।
पौधरोपण कार्यों का स्थलीय सत्यापन तथा ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकाय स्तर पर बनाई गई पौधारोपण पंजिका का निरीक्षण अंतर्विभागीय जांच समितियां करेंगी। जिला वृक्षारोपण समिति ही अंतर्विभागीय जांच समिति का गठन करेंगी। इसके अलावा जिला वृक्षारोपण समिति सेक्टर व ज़ोनल अधिकारी नामित कर पौधरोपण का स्थलीय सत्यापन भी करा सकती है।
वन विभाग लगाएगा 12 करोड़ पौधे
वन विभाग ने इस वर्ष आयोजित होने वाले पौधरोपण अभियान की तैयारियां शुरू कर दी है। विभाग इस वर्ष 80 हजार हेक्टेयर भूमि पर 12.60 करोड़ पौधे लगाएगा। वर्ष 2015 से 2024 तक विभाग कुल 407186 हेक्टेयर भूमि पर पौधरोपण कर चुका है। वन मंत्री डॉ अरुण कुमार सक्सेना ने अधिकारियों को पौधरोपण महाभियान की सफल बनाने के निर्देश दिये हैं।