कुछ यूं हुआ जब सपा समर्थक हार गया यूपी चुनाव में सपा की जीत पर लगा कर दांव

देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में हाल ही में विधानसभा चुनाव हुए हैं। राज्य में चुनाव के वक्त किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी? कौन सी पार्टी किस पार्टी से गठबंधन करेगी? और अंत में कौन सी पार्टी यूपी की गद्दी पर बैठगी? जैसे मुद्दों पर राजनेता से लेकर आम आदमी तक सब अपना माथा खपा रहे थें। इस बीच कुछ समर्थकों ने पार्टी की जीत हार पर शर्त भी लगाई। ऐसे में बांदा के एक सपा समर्थक ने बीजेपी समर्थक से शर्त लगाई थी। लेकिन समाजवादी पार्टी को चुनाव में मिली हार के बाद सपा समर्थक भी शर्त हार गया और उसे बीजेपी समर्थक को अपनी बाइक देनी पड़ी। बाद में अखिलेश यादव ने अपने समर्थक को दी बुलाकर नसीहत दी।
फुल प्रूफ लगी थी शर्त
बता दें कि शर्त को लेकर सपा समर्थक और बीजेपी समर्थक के बीच स्टांप पेपर पर लिखा-पढ़ी भी हुआ थी। वहीं, सपा समर्थक अवधेश कुशवाहा ने बताया कि उसने अपने एक दोस्त ब्रजकिशोर सैनी के साथ शर्त लगाई थी कि अगर सपा चुनाव में जीती तो ब्रजकिशोर को उसे अपनी टेंपो देनी होगी और अगर भाजपा जीती तो वह अपनी बाइक ब्रजकिशोर को दे देगा। हालांकि चुनावी नतीजों में सपा की हार हुई और इसी के साथ सपा समर्थक को शर्त के मुताबिक अपनी बाइक बीजेपी समर्थक को देनी पड़ी।
फुल प्रूफ लगी थी शर्त
अखिलेश खुद चुनाव हारे पर समर्थक को नहीं गवानी पड़ी बाइक
अखिलेश भले ही यूपी चुनाव जीत में चूक गए हैं लेकिन अपने समर्थकों को जीतने में कामयाब रहें। जब समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव को इस मामले के बारे पता चला तो उन्होंने शर्त हारने वाले सपा समर्थक को लखनऊ बुलाया और उसे बाइक के नुकसान की भरपाई के लिए एक लाख रुपये का चेक सौंपा, साथ ही ये नसीहत भी दी कि वह आगे से ऐसी कोई शर्त न लगाए।
वहीं सपा समर्थक अवधेश सिंह ने कहा कि परिणाम के बाद, मैंने अपनी बाइक सौंप दी ... अखिलेश यादव ने मुझे फोन किया, जिस सम्मान के साथ उन्होंने मेरे साथ व्यवहार किया, उसे नहीं भूल सकते; मुझे एक चेन (आभूषण) भी दी और कहा कि मैं आगे से इस तरह का कोई दांव नहीं लगाऊं। अवधेश ने कहा कि सपा अध्यक्ष ने मुझे गाड़ी से ज्यादा का चेक दिया है अब मैं बाइक खरीदकर अपना काम-काज फिर से शुरू कर पाऊंगा।
बता दें कि शर्त को लेकर सपा समर्थक और बीजेपी समर्थक के बीच स्टांप पेपर पर लिखा-पढ़ी भी हुआ थी। वहीं, सपा समर्थक अवधेश कुशवाहा ने बताया कि उसने अपने एक दोस्त ब्रजकिशोर सैनी के साथ शर्त लगाई थी कि अगर सपा चुनाव में जीती तो ब्रजकिशोर को उसे अपनी टेंपो देनी होगी और अगर भाजपा जीती तो वह अपनी बाइक ब्रजकिशोर को दे देगा। हालांकि चुनावी नतीजों में सपा की हार हुई और इसी के साथ सपा समर्थक को शर्त के मुताबिक अपनी बाइक बीजेपी समर्थक को देनी पड़ी।
गौरतलब है कि बता दें कि यूपी चुनाव में समाजवादी पार्टी को हार मिली है। वहीं, बीजेपी प्रचंड बहुमत हासिल करके प्रदेश में दूसरी बार सरकार बनने जा रही है।
अखिलेश खुद चुनाव हारे पर समर्थक को नहीं गवानी पड़ी बाइक
अखिलेश भले ही यूपी चुनाव जीत में चूक गए हैं लेकिन अपने समर्थकों को जीतने में कामयाब रहें। जब समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव को इस मामले के बारे पता चला तो उन्होंने शर्त हारने वाले सपा समर्थक को लखनऊ बुलाया और उसे बाइक के नुकसान की भरपाई के लिए एक लाख रुपये का चेक सौंपा, साथ ही ये नसीहत भी दी कि वह आगे से ऐसी कोई शर्त न लगाए।
वहीं सपा समर्थक अवधेश सिंह ने कहा कि परिणाम के बाद, मैंने अपनी बाइक सौंप दी ... अखिलेश यादव ने मुझे फोन किया, जिस सम्मान के साथ उन्होंने मेरे साथ व्यवहार किया, उसे नहीं भूल सकते; मुझे एक चेन (आभूषण) भी दी और कहा कि मैं आगे से इस तरह का कोई दांव नहीं लगाऊं। अवधेश ने कहा कि सपा अध्यक्ष ने मुझे गाड़ी से ज्यादा का चेक दिया है अब मैं बाइक खरीदकर अपना काम-काज फिर से शुरू कर पाऊंगा।
गौरतलब है कि बता दें कि यूपी चुनाव में समाजवादी पार्टी को हार मिली है। वहीं, बीजेपी प्रचंड बहुमत हासिल करके प्रदेश में दूसरी बार सरकार बनने जा रही है।
गौरतलब है कि बता दें कि यूपी चुनाव में समाजवादी पार्टी को हार मिली है। वहीं, बीजेपी प्रचंड बहुमत हासिल करके प्रदेश में दूसरी बार सरकार बनने जा रही है।
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