जून तक इन रेलवे लाइनों पर समाप्त हो जाएगी चौकीदार रहित क्रॉसिंग

कुशीनगर में हुए रेल हादसे के बाद रेलवे बोर्ड ने बड़ा फैसला लिया है। जून 2018 तक देश की श्रेणी ‘ए’ और‘बी’ श्रेणी ब्रॉड गेज रेलवे लाइनों पर चौकीदार रहित रेलवे क्रॉसिंग पूरी तरह से समाप्त हो जाएंगी। यह जानकारी रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी ने रेल भवन में पत्रकारों को दी।
यूनिवार्ता के अनुसार उन्होंने कहा कि देश में कुल मिलाकर चौकीदार रहित रेलवे क्रॉसिंग 31 मार्च 2018 की स्थिति के अनुसार 3479 हैं जबकि एक साल पहले 31 मार्च 2017 को यह संख्या 4943 थी। उन्होंने कहा कि ए एवं बी श्रेणी की रेललाइनों पर चौकीदार रहित रेलवे क्रॉसिंग अब केवल 20 से 30 बाकी रह गयीं हैं जो जून तक पूरी तरह से खत्म हो जाएंगी।
गौरतलब है कि रेलवे ने 130 किलोमीटर प्रतिघंटा से अधिक रफ्तार वाली गाड़ियों के मार्ग को ‘ए’ श्रेणी और 130 किलोमीटर प्रतिघंटा तक की गति से चलने वाली गाड़ियों के मार्ग को ‘बी’ श्रेणी की लाइन के रूप में वर्गीकृत किया है। ‘सी’ श्रेणी की लाइनों पर बहुत मामूली यातायात होता है और गति भी कम रहती है।

श्री लोहानी ने उत्तर प्रदेश में कुशीनगर जिले में चौकीदार रहित रेलवे क्रॉसिंग पर आज सुबह हुई दुर्घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि चौकीदार रहित क्रॉसिंग बंद करने के लिए प्रयास तेजी से चल रहे हैं लेकिन ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए जनता को भी सहयोग देना चाहिए। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में जिस ट्रैक पर हादसा हुआ है ये 'सी' श्रेणी में आता है। बता दें बिशनपुरा क्षेत्र में आज सुबह सीवान-गोरखपुर रेल खण्ड पर मानव रहित रेलवे क्रासिंग पर एक स्कूल वाहन और ट्रेन के बीच हुइ भीषण टक्कर में 13 बच्चों की मृत्यु हो गई तथा चालक सहित सात बच्चे घायल हो गए।
श्री लोहानी ने कहा कि चौकीदार रेलवे क्रॉसिंग में 40 प्रतिशत पर फाटक लगाकर चौकीदार की तैनाती की जाएगी। जबकि बाकियों पर ओवरब्रिज या अंडरपास बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि रेल प्रशासन के सतत प्रयासों से रेल दुर्घटनाओं में साल दर साल कमी आ रही है। वर्ष 2014-15 में कुल रेल दुर्घटनाएं 135 हुईं जिनमें चौकीदार रहित क्रॉसिंग पर होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या 50 है, वर्ष 2015-16 में ये आंकड़े 107 और 29, 2016-17 में 104 और 20 तथा वर्ष 2017-18 में 73 और 10 रहे। यानी बीते साल कुल रेल दुर्घटनाएं 73 हुईं जिनमें चौकीदार रहित क्रॉसिंग पर होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या मात्र दस थी।
आंकड़ों पर गौर करे तो देशभर में 30318 रेलवे क्रॉसिंग हैं, जिनमें करीब 25 प्रतिशत यानी 7701 मानवरहित हैं। रेलवे क्रॉसिंगों पर जितनी दुर्घटनाएं होती हैं, उनमें से 16.33 फीसदी इन्हीं मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग पर होती हैं।
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