लगातार दूसरे दिन भी छात्रों और आयोग में नहीं बनी बात

पीसीएस-2024 (प्रारम्भिक) और आरओ/ एआरओ-2023 (प्रारम्भिक) परीक्षा दो दिवस में कराने के निर्णय पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अडिग रहने और उधर छात्रों के भी बिना एक दिवसीय परीक्षा का निर्णय आए आयोग के गेट से न हटने के कारण स्थितियां जटिल होती जा रही है। आक्रोशित छात्रों का लगातार दूसरे दिन प्रदर्शन चलता रहा। पूरे दिन ढ़ोल नगाड़ों की आवाज के बीच प्रदर्शन जारी रहा। प्रदर्शन खत्म करने के लिए डीएम, कमिश्नर और आयोग के सचिव की अपील और दो दिवसीय परीक्षा व नर्मलाइजेशन प्रक्रिया के पक्ष में दिये जा रहे तर्क छात्रों ने ठुकरा दिये। कहा एक दिवसीय परीक्षा का निर्णय लेंगे तभी आयोग के सामने से हटेंगे। वहीं पुलिस ने प्रदर्शन का समर्थन करने पहुंचे पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर व कोचिंग बंद करने का प्रयास करने वाले नौ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। पुलिस कुछ उपद्रवियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तैयारी भी कर रही है।

प्रतियोगी छात्र आयोग के दो दिवसीय परीक्षा के फैसले को वापस लेने एक दिन में परीक्षा के आयोजन और नार्मलाइजेशन की प्रक्रिया को रद्द करने की मांग को लेकर सोमवार से प्रदर्शन कर रहे हैं। आयोग के सभी छह द्वारों पर अभ्यर्थियों ने कब्जा कर रखा है। इस प्रदर्शन में भाग लेने के लिए कई जिलों के छात्र पहुंचे हैं। इनमें कानपुर, लखनऊ, उन्नाव समेत कई जिलों के छात्र हैं। इस प्रदर्शन में प्रयागराज में तैयारी करने वाले छात्र भी बड़ी संख्या में शामिल हैं। छात्र लगातार कह रहे हैं कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाएगी तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा।

रात में आयोग के दफ्तर के बाहर हजारों की संख्या में छात्र जमा रहें। सड़क, डिवाइडर, फुटपाथ समेत हर जगह छात्रों का हुजूम ही नजर आ रहा है। भीड़ को काबू में रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है। छात्र खाली बोतले पीटकर नारेबाजी कर रहे हैं। छात्र नारेबाजी करते हुए वन डे वन शिफ्ट और बिना नॉर्मलाइजेशन के परीक्षा करवाने की मांग पर अड़े हुए हैं।

आयोग के बाहर जुटी हजारों प्रतियोगी छात्रों की भीड़ आयोग के खिलाफ नारेबाजी करने के साथ ही प्लास्टिक की पानी को बॉटल्स को पीट पीटकर नारेबाजी करते हुए नए अंदाज से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्र छात्राओं का कहना है कि आयोग की तरफ से उनकी मांग माने जाने का लिखित भरोसा नहीं मिलने तक वो आंदोलन को जारी रखेंगे।

75 जिले में क्यों नहीं हो रही परीक्षा 

प्रतियोगी छात्रों का आरोप है कि आयोग 41 जिलों में पीसीएस प्री 2024 की परीक्षा आयोजित करने जा रहा है, जबकि इसे प्रदेश के सभी 75 जिलों में आयोजित करवाया जा सकता था जिससे की परीक्षा एक ही दिन हो सके। आयोग ने ऐसा नहीं किया और कह दिया उनके मकान के अनुसार सेंटर नहीं मिले हैं।

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