माध्यमिक शिक्षकों की तैनाती का रास्ता हुआ साफ, छह साल से लटका था नियुक्ति का मामला  

प्रदेश में 2018 से राजकीय माध्यमिक विध्यालयों में चल रही भर्ती प्रक्रिया में अभ्यर्थियों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। शासन ने चयनित अभ्यर्थियों से ऑनलाइन विकल्प लेकर नियुक्ति पत्र भी ऑनलाइन जारी करने निर्देश दिये हैं। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक/ प्रवक्ता के खाली पदों के लिए लोक सेवा आयोग के माध्यम से 2018 में भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसमें पहली चयन सूची के अभ्यर्थियों की तैनाती कर दी गई। लेकिन करीब 500 पद खाली रह गए थे। इस पर विभाग के पत्राचार पर आयोग ने प्रतीक्षा सूची जारी कर दी थी।

जबकि नियमतः एक साल के बाद प्रतीक्षा सूची मान्य नहीं होती है। इसे देखते हुए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने दोबारा आयोग को पत्र लिखा जहां से मामला कार्मिक विभाग में गया। इसमें पांच साल से ज्यादा का समय लग गया। शासन ने निर्देश दिया है कि इन नियुक्तियों में महत्वाकांक्षी जिलों के विद्यालय, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के विद्यालय, जिले के पंडित दीनदयाल उपाध्याय मॉडल विद्यालय, तहसील मुख्यालय से दो किलोमीटर बाहर के विद्यालय, तहसील मुख्यालय के अंदर के विद्यालय ऐसी प्राथमिकता पर रिक्तियां जारी की जाएंगी।  इसके अनुसार श्रेणी एक में 88 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कोई नियमित शिक्षक नहीं हैं। श्रेणी दो में 222 विद्यालयों में एक और श्रेणी तीन में 313 विद्यालयों में दो शिक्षक तैनात हैं। हर विद्यालय में तीन शिक्षकों की तैनाती का लक्ष्य रखा गया है।

दिव्यांगों-महिलाओं को दी जाएगी प्राथमिकता

विशेष सचिव उमेश चंद्र ने कहा है कि एनआईसी अभ्यर्थियों को पांच विकल्प देगा। अभ्यर्थी को हर विकल्प भरना होगा। पहली वरीयता आयोग से चयनित सूची के दिव्यांग व दूसरी वरीयता महिला अभ्यर्थी को दी जाएगी। तीसरी वरीयता जिनके पति-पत्नी सेना, अर्द्धसैनिक बदल में कार्यरत हैं। इसके बाद अधिकतम आयु वाले अभ्यर्थियों को वरीयता दी जाएगी। नियुक्ति प्रक्रिया के लिए निदेशालय स्तर पर अपर शिक्षा निदेशक राजकीय की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति बनाई जाएगी।

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