अपराध से जुटाई गई संपत्ति अब प्रभावितों को मिलेगी। ऐसी संपत्ति के अधिग्रहण और कुर्की के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की गई है।
इसके तहत अदालत के आदेश पर डीएम संपत्ति को नीलामी कर अपराध से प्रभावित लोगों के बीच दो माह के अंदर वितरित करेंगे। अभी तक राज्य सरकार ऐसी सम्पत्तियों को जब्त कर जरूरतमंदों को सरकारी आवास उपलब्ध कराती थी। बीएनएसएस की धारा 107 के तहत पुलिस किसी भी अपराधी की संपत्ति को अटैच कर कुर्की करने के लिए सीधे कोर्ट में अर्जी देगी। संपत्ति जब्तीकरण से पहले पुलिस को संपत्ति मालिक या अपराधी के बैंक खाता, उसकी आय, इनकम टैक्स रिटर्न, संपत्ति खरीदने के पूरे ब्यौरे को भी कोर्ट में देना होगा।
डीजीपी प्रशांत कुमार की ओर से जारी एसओपी को भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 107 के तहत दिये गए प्रविधानों के मुताबिक तैयार किया गया है। इसके तहत ऐसे प्रकरणों में पुलिस कमिश्नर अथवा कप्तान की अनुमति लेकर अदालत में प्रार्थना पत्र देना होगा। अदालत आरोपी को दिये गए स्पष्टीकरण पर विचार कर संपत्ति के अधिग्रहण एवं कुर्की का आदेश जारी कर सकती है।
कोर्ट में सुनवाई के बाद संपत्ति कुर्की से होने वाली आय को अपराध से प्रभावित व्यक्तियों को वितरित करने का निर्देश देगी। 60 दिनों में संबंधित जिले के डीएम संपत्ति की कुर्की से हुई आय प्रभावितों को वितरित करेंगे। वहीं, पुलिस के तरफ से दी गई कोर्ट में अर्जी का 14 दिन में संपत्ति मालिक या अपराधी को जवाब देना होगा। 14 दिन में जवाब नहीं दिया तो कोर्ट एक पक्षीय आदेश कर देगी।
गौरतलब हो कि इससे पहले प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद की अवैध रूप से कब्जाई जमीन पर गरीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत फ्लैट बनवाए गए थे। लखनऊ में भी मुख्तार अंसारी की अधिग्रहीत जमीन पर फ्लैट निर्माणाधीन है। अब बड़े माफियाओं के साथ-साथ उनके मददगारों और छोटे अपराधियों और गैंगस्टर्स की संपत्ति को जब्त कर कुर्की से हुई आय पीड़ितों में बंटेगी।