
अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक स्कूलों में आउटसोर्सिंग के माध्यम से भर्ती किए जाने वाले चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की शैक्षिक योग्यता अब हाईस्कूल होगी। अभी इन पदों पर भर्ती की शैक्षिक योग्यता इंटर है।
सोमवार को विधान परिषद में निर्दल समूह के राज बहादुर सिंह चंदेल ने कार्यस्थगन के तहत शून्य काल में आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती में शैक्षिक योग्यता का मुद्दा उठाते हुए कहा कि एडेड कॉलेजों में आउटसोर्सिंग से भर्ती हो रही है। इसके लिए शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट तय की गई है। खासतौर से सफाई कर्मियों के लिए भी शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट कर दी गई है। यह उचित नहीं है। पूरक प्रश्न करते हुए शिक्षक दल के नेता ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने राज बहादुर सिंह चंदेल का समर्थन करते हुए कहा कि सफाई कर्मी का कभी प्रमोशन भी नहीं होता। ऐसे में शैक्षिक योग्यता का कोई मतलब नहीं है।
इंटर पास युवक सफाई नहीं करेगा, वह अपने मानदेय का कुछ हिस्सा देकर किसी अनपढ़ व्यक्ति से सफाई कराएगा। मंत्री गुलाब देवी ने कहा कि पहले साक्षरता दर कम थी। अब बढ़ी है, फिर भी हम शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट से घटाकर हाईस्कूल कर रहे हैं। चतुर्थ श्रेणी में तमाम तकनीकी कार्य वाले पद भी हैं। राज्यमंत्री के इस आश्वासन से शिक्षक दल और निर्दल समूह के सदस्य संतुष्ट नहीं हुए।
उनका कहना था कि सफाई कर्मी के लिए किसी शैक्षिक योग्यता की जरूरत नहीं है। इससे भ्रष्टाचार बढ़ेगा और सफाईकर्मियों का शोषण होगा। स्थानीय लोगों को ही रखे जाने का प्रावधान भी नहीं किया गया है। ऐसे में होगा यह कि हाईस्कूल और इंटर पास दूर-दराज तक नौकरी हासिल कर लेंगे और उनकी जगह काम कोई और करेगा। इससे वास्तविक सफाईकर्मियों का शोषण होगा। सदस्यों के बार-बार अनुरोध किए जाने के बाद भी गुलाब देवी ने कहा कि अब आज के समय में हाईस्कूल तो जरूरी है। पहले लोग पढ़े-लिखे और साक्षर नहीं होते थे। इसलिए शैक्षिक योग्यता का प्रावधान नहीं किया गया था।