
प्रदेश सरकार वर्ष 2025-26 के नए बजट से राज्य की अर्थव्यवस्था (जीएसडीपी) को 10 लाख करोड़ रुपए अधिक पर ले जाने के लक्ष्य को साधेगी। इस वित्तीय वर्ष में जीएसडीपी को 41.84 लाख करोड़ रुपए करने की तैयारी है। महाकुंभ में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए यह तय माना जा रहा है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष के अंत तक राज्य की अर्थव्यवस्था 31.94 लाख करोड़ रुपए को पार कर जाएगी।
योगी सरकार वर्ष 2027-28 तक प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन अमेरिकी डालर का आकार देना चाहती है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार की ओर से सलाहकार नियुक्त की गई डेलायट संस्था ने रोडमैप तैयार किया है। बड़े लक्ष्य को पाने के तमाम इंतजाम 20 फरवरी को पेश होने वाले राज्य सरकार के बजट में दिख सकते हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य की अर्थव्यवस्था 25.48 लाख करोड़ रुपए थी।
इस लक्ष्य को हासिल करने के बाद प्रदेश सरकार आगे के रोडमैप पर काम कर रही है। डेलायट संस्था द्वारा तैयार किए गए रोडमैप के अनुसार वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंत तक जीएसडीपी को 31.94 लाख करोड़ रुपए पहुंचाने का लक्ष्य है। प्रयागराज महाकुंभ के भव्य आयोजन और करोड़ों की तादाद में आ रहे श्रद्धालुओं को देखते हुए इस लक्ष्य का हासिल होना तय माना जा रहा है। सीएम योगी भी यह मानते हैं कि महाकुंभ से अर्थव्यवस्था में करीब दो लाख करोड़ रुपए की वृद्धि होगी।
सरकार ने जो लक्ष्य तय किया है आगामी वित्तीय वर्ष में वह पूरा होने पर जीएसडीपी 41.84 लाख करोड़ रुपए हो जाएगी। रणनीति के तहत लक्ष्य हासिल होते रहे तो 2026-27 में राज्य की जीएसडीपी 56.49 लाख करोड़ रुपए और 2027-28 में जीएसडीपी 78.83 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचेगी। यहां पहुंचने के साथ ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था एक ट्रिलियन डालर की हो जाएगी।
सरकार ने इसके लिए मैन्युफैक्चिरिंग क्षेत्र मे 32 प्रतिशत कन्स्ट्रेक्सन में 29 प्रतिशत, व्यापार, होटल व रेस्टोरेन्ट के क्षेत्र में 27 प्रतिशत ऊर्जा, रियल स्टेट, वित्तीय सेवाएं व्यावसायिक सेवाएं व अन्य क्षेत्रों में 25 प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य लिया गया है।