
अखिल भारतीय अखाडा परिषद ने कुम्भ व महाकुंभ के दौरान विभिन्न अखाड़ों के शाही स्नान व पेशवाई जैसे उर्दू फ़ार्सिनिष्ठ शब्दों के स्थान पर हिन्दी संस्कृतनिष्ठ शब्दों के प्रयोग का प्रस्ताव पारित किया है। इसी के साथ गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने मंदिरों में सरकारी हस्तक्षेप हटाने देश भर में समान नागरिक संहिता लागू करने सहित अन्य प्रस्ताव भी पारित किए हैं।
बैठक में संतों ने शाही व पेशवाई के स्थानापन्न कई नए नामों पर चर्चा की तय हुआ कि नया नाम परिषद की अगली बैठक में तय किया जाएगा। इसके साथ ही बैठक में कुम्भ मेला क्षेत्र में गैर सनातनी अधिकारियों की तैनाती न किए जाने के विषय पर भी चर्चा हुई। हालांकि इस प्रस्ताव की मंजूरी के लिए अभी विस्तृत चर्चा होनी है। लेकिन, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी का कहना है कि गैर सनातनी अफसरों की मेला क्षेत्र में तैनाती होने के बाद अगर उनके विचार सनातन धर्म को मानने वालों से नहीं मिलेंगे तो परेशानी हो सकती है।
इस कारण गैर सनातनियों की तैनाती को लेकर उन्होंने सवाल उठाए। उनका कहना है कि सनातन धर्म को मानने वाले अधिकारियों की तैनाती मेला क्षेत्र में ज्यादा की जाती है। क्योंकि, सनातन धर्म को मानने वालों को यहां तैनात किए जाने से वो श्रद्धालुओं की भावनाओं को नहीं समझ पाएंगे।
मध्य प्रदेश में संत व सरकार शाही के स्थान पर राजसी शब्द पर सहमत हो चुके हैं। रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी महाकुंभ की तैयारियों की समीक्षा के लिए आ रहे हैं। संभवना है कि शासकीय आयोजनों में भी वह शाही व पेशवाई जैसे शब्दों के विकल्पों के प्रयोग पर सहमति दे सकते हैं।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में कई प्रस्ताव रखे गए। बैठक में अखाड़ों की तरफ से 11 प्रस्ताव पास किए जा चुके हैं। जबकि शनिवार की शाम तक कुछ और प्रस्तावों पर चर्चा करने के बाद उसे सहमति बनने पर पास किया जाएगा। इसके साथ ही इस बैठक में गो माता के संरक्षण और संवर्धन किए जाने का प्रस्ताव पास करते हुए गाय को राष्ट्रीय माता घोषित करने की मांग की गई।
सनातन धर्म को बचाने के साथ लव जेहाद, धर्मांतरण और मंदिरों को नष्ट होने से बचाने का प्रस्ताव भी पास किया गया। महाकुंभ क्षेत्र में मांस मदिरा की दुकानों को हटाने और बिक्री पर रोक लगाने की मांग भी की गई। इसके साथ ही मठ मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की मांग के प्रस्ताव पर भी चर्चा कर सहमति से पास किया गया। मां गंगा की अविरलता और निर्मलता का प्रस्ताव भी बैठक में पास किया गया।
इसके अलावा गंगा यमुना पर बन रहे स्नान घाटों का नामकरण अखाड़ों के ईष्ट देवता के नाम पर किए जाने की मांग का प्रस्ताव भी इस बैठक में पास किया गया। शनिवार की बैठक में शुक्रवार के प्रस्तावों समेत कुल 11 प्रस्ताव पास किए गए हैं। प्रस्तावों पर कार्य करवाने के लिए सरकार से मांग किए जाने की रणनीति बनाई गई। अखाड़ों की यह बैठक शनिवार की शाम तक चलेगी और कुछ दूसरे बिंदुओं पर भी चर्चा कर उन प्रस्तावों को मंजूरी मिल सकती है।