लखनऊ: राज्य के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था को लेकर शासन स्तर से की जा रही ऑनलाइन मॉनिटरिंग में चौंकाने वाले और चिंताजनक तथ्य सामने आए हैं। कई जिलों के विद्यालयों में शिक्षण कार्य की स्थिति अत्यधिक खेदजनक पाई गई है। मॉनिटरिंग के दौरान कई कक्षाओं में शिक्षक नदारद मिले, और कुछ कक्षाओं में तो छात्रों की उपस्थिति ही नहीं दिखी।
शिक्षा निदेशक कार्यालय, लखनऊ द्वारा की जा रही इस मॉनिटरिंग के दौरान यह पाया गया कि कुछ विद्यालयों में शिक्षक कक्षाओं में पढ़ाई नहीं करवा रहे हैं। एक कक्षा में तो सभी छात्राएं डेस्क पर सिर रखकर बैठी हुई मिलीं। ऐसे हालात तब सामने आए जब शिक्षा निदेशक कार्यालय से संबंधित विद्यालयों के प्रधानाचार्यों से फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन अधिकांश मामलों में या तो फोन नहीं उठाए गए या फिर मोबाइल नंबर पहुंच से बाहर मिले।
विशेष रूप से 27 अगस्त की मॉनिटरिंग में बलिया और आजमगढ़ जिलों के विद्यालयों की स्थिति बेहद खराब पाई गई। बलिया जिले के जीआईसी में सुबह 11 बजे के समय मात्र पांच से छह छात्र ही कक्षा में मौजूद थे, और शिक्षक का कहीं अता-पता नहीं था। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि शिक्षण कार्य पूरी तरह से स्थगित है। जब प्रधानाचार्य से दूरभाष पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, तो संपर्क नहीं हो सका।
आजमगढ़ जिले के जीजीआईसी में भी स्थिति कुछ ऐसी ही रही। सुबह 11:19 बजे मॉनिटरिंग के दौरान पाया गया कि कई कक्षाओं में न तो शिक्षक उपस्थित थे और न ही छात्र। शिक्षा निदेशक ने इस स्थिति को अत्यधिक खेदजनक बताते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) को निर्देश दिया है कि वे तत्काल अपने स्तर से इन विद्यालयों का निरीक्षण कर पठन-पाठन की समय सारणी के अनुरूप सुनिश्चितता करें। इसके साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों पर उचित कार्यवाही करने और इसकी सूचना निदेशालय को देने का आदेश भी दिया गया है।
शिक्षा निदेशक ने मंडल और जिला अधिकारियों के व्हाट्सएप ग्रुप पर भी इस स्थिति की जानकारी साझा की है, और सभी अधिकारियों को सचेत करते हुए कहा है कि शिक्षण कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित अधिकारियों पर जल्द ही सख्त कार्यवाही की उम्मीद की जा रही है।
इस पूरे घटनाक्रम ने राज्य के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों की शिक्षण व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिससे प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है।