मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार शुरू करने जा रही है ये मिशन

मोटे अनाज पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं लेकिन फिर भी इनकी खेती को बढ़ावा नहीं मिल पा रहा। इसके लिए अब सरकार छोटा मिशन शुरू करने की तैयारी में है। इससे ज्वार, बाजरा, सांवा, कोदो जैसे मोटे अनाज की फसलों के अच्छे दिन आ सकते हैं।
इसके तहत फसल वर्ष 2018 को मोटा अनाज वर्ष घोषित किया गया है। स्वास्थ्य की दृष्टि से मोटे अनाज को पौष्टिक अनाज की श्रेणी में डालने से इन फसलों की मांग में तेजी से इजाफा हो रहा है। पहले चरण में देश के 14 राज्यों के 202 जिलों में मिशन की शुरुआत की जाएगी। मोटे अनाज वाली फसलों की खेती के लिए देशभर में कुल 11 राज्यों में 115 किसान उत्पादक संगठनों का भी गठन किया जाना है। इसके लिए किसान संगठनों और प्रोसेसिंग उद्योगों को बढ़ावा देने की तैयारी है।
केंद्रीय कृषि आयुक्त डॉक्टर सुरेश मल्होत्रा के मुताबिक सरकार ने इन फसलों को बढ़ावा देने की योजना तैयार की है। उप मिशन के लिए उन्नत प्रजाति के प्रमाणित बीज किसानों को मुहैया कराए जाएंगे। डॉ. मल्होत्रा के मुताबिक फसल सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जाएगा। इन फसलों में पोषक तत्वों को बनाए रखने और बढ़ाने पर भी जोर दिया जाएगा। जिन क्षेत्रों में सिंचाई की बिल्कुल सुविधा नहीं है, वहां स्प्रिंकल सिंचाई को लेकर जागरूकता बढ़ाई जाएगी, इस पद्धति में कम पानी की खपत होती है।
देश की कुल खेती योग्य भूमि का 50 फीसद से अधिक हिस्सा असिंचित क्षेत्र है, जहां खेती बारिश पर आधारित है। अमूमन इन क्षेत्रों में कम सिंचाई वाले मोटे अनाज वाली फसलों की खेती होती है।
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