प्राइवेट कर्मचारियों को मोदी सरकार का बड़ा तोहफा, ग्रेच्युटी हुई डबल

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को खुशखबरी दी है। आने वाले समय में प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारी भी 20 लाख रुपये तक कर मुक्त ग्रेच्युटी के लिए पात्र होंगे।
अभी तक केंद्रीय कर्मचारियों को ही अधिकतम 20 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी मिलती है, लेकिन सरकार ने सिफारिश की है कि इसका फायदा प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहे लोगों को भी मिले। अभी तक प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी 10 लाख रुपये तक कर मुक्त ग्रेच्युटी मिलती है।
संसद में विधेयक के रूप में पेश किया जाएगा
कैबिनेट से प्रस्ताव पास होने के बाद अब इसे बजट सत्र के अगले हिस्से में संसद में विधेयक के रूप में पेश किया जाएगा। सातवें वेतन आयोग ने ग्रेच्युटी की सीमा दस से बढ़ाकर बीस लाख करने की सिफारिश की थी। केंद्र सरकार के साथ-साथ कई राज्य सरकारें भी इसे लागू कर चुकी हैं। अब इसे निजी क्षेत्र में भी लागू करने पर सहमति बन चुकी है। श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया।
बैठक में यह सहमति बनी कि संसद में ऐसा विधेयक लाया जाए कि जब भी केंद्रीय कर्मियों की ग्रेच्युटी की राशि में बढ़ोतरी होगी तो निजी क्षेत्र में भी ग्रेच्युटी में अपने आप इजाफा हो। इसके लिए नया विधेयक लाने की जरूरत न पड़े।
क्या होती है ग्रेच्युटी?
गौरतलब है कि किसी भी व्यक्ति को ग्रेच्युटी 5 साल तक लगातार किसी कंपनी में काम करने के बाद मिलती है, जबकि कर्मचारी यूनियनों ने ग्रेच्युटी के भुगतान के लिये प्रतिष्ठान में कम-से-कम 10 कर्मचारियों के होने तथा न्यूनतम पांच साल की सेवा की शर्तों को हटाने की भी मांग की है। बता दें कि यह कानून ऐसे प्रतिष्ठानों में लागू होता है जहां कर्मचारियों की संख्या कम से कम 10 हो।
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