उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा विभाग (Uttar Pradesh Secondary School) में कार्यरत तदर्थ शिक्षकों को हटाने का आदेश सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से आने के बाद अब प्रक्रिया शुरू हो गई है। तदर्श शिक्षकों को हटाने के साथ में उन्हें कैसे करके लाभ दिया जाएगा, इसका भी प्रस्ताव विभाग के अधिकारियों ने बना लिया है। माध्यमिक शिक्षा विभाग (Uttar Pradesh Secondary Eduction Depertment) के अधिकारियों ने सहायता प्राप्त स्कूल में पढ़ा रहे तदर्थ शिक्षकों को शिक्षामित्रों (Shiksha Mitra) के तर्ज पर भारांक देने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। यही नहीं, प्रवक्ता को साक्षात्कार और एलटी ग्रेड को लिखित परीक्षा में भी भारांक दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा विभाग (Uttar Pradesh Secondary Eduction Depertment) की तरफ से तदर्थ शिक्षकों को लेकर तैयार किए गए प्रस्ताव के अनुसार शिक्षक सामान्य भर्ती में चयनित होकर शिक्षक बन सकेंगे। योगी सरकार शिक्षामित्रों (Shiksha Mitra) को ऐसे लाभ देकर शिक्षक भर्ती कर रही है। शिक्षकों की तरफ से माध्यमिक स्कूलों (Uttar Pradesh Secondary Eduction Depertment) में तदर्थ शिक्षक के रूप में दी गई सेवाओं को रिटायर होने के बाद मिलने वाले लाभ में भी जोड़ा जाएगा। अब इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा विभाग (Uttar Pradesh Secondary Eduction Depertment) ने एक प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। माध्यमिक शिक्षा विभाग की तरफ से प्रस्ताव भेजे जाने के बाद अब इस पर निर्णय लिया जाएगा। बता दें, बच्चों के भविष्य को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तदर्थ शिक्षकों को हटाकर जुलाई 2021 तक भर्ती प्रक्रिया को पूरी करने के आदेश दिए हैं।
बता दें, उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा विभाग (Uttar Pradesh Secondary School) में प्रबंधतंत्र (Management Quota) के जरिए भर्ती किए गए शिक्षकों को हटाने का आदेश सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने जारी कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) इस आदेश के बाद वर्षों से स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों में गम का माहौल बना हुआ है। अब भविष्य में उनके साथ में क्या होगा, इसके बारे में अभी से कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। माध्यमिक शिक्षा विभाग (Uttar Pradesh Secondary Eduction Depertment) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के इस आदेश ने प्रदेश के हजारों शिक्षकों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का आदेश माध्यमिक शिक्षा विभाग (Uttar Pradesh Secondary Eduction Depertment) को मिलते ही शिक्षकों की परीक्षा सहित अन्य प्रक्रिया को लेकर कार्रवाई शुरू हो जाएगी। माध्यमिक शिक्षा के सचिव सहित जिले के डीआईओएस (DIOS) भी सरकार के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की तरफ से दिए गए आदेश में सिर्फ माध्यमिक शिक्षा (Uttar Pradesh Secondary Eduction Depertment) से संबंधित स्कूल ही नहीं बल्कि अल्पसंख्यक संस्थाएं भी इसमें शामिल है।
तदर्थ शिक्षकों को साक्षात्कार में भी मिलेगा लाभ
उत्तर प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को जल्द ही हटाने का आदेश सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की तरफ से दिया गया। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भी शिक्षामित्रों को हटाने का आदेश देते हुए उन्हें लाभ दिए जाने को कहा था। अब वैसे ही माध्यमिक शिक्षा विभाग (Uttar Pradesh Secondary Eduction Depertment) में होने वाली शिक्षक भर्ती में तदर्थ शिक्षकों को शिक्षामित्रों (Shiksha Mitra) की तर्ज पर भारांक दिया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा विभाग (Uttar Pradesh Secondary Eduction Depertment) प्रवक्ता को साक्षात्कार और एलटी ग्रेड को लिखित परीक्षा (Uttar Pradesh Secondary Eduction Depertment) में भारांक दिया जाएगा।
यही नहीं, तदर्थ शिक्षक सामान्य भर्ती (Uttar Pradesh Secondary Eduction Depertment) में चयनित होकर शिक्षक बनते हैं तो उनकी तदर्थ के रूप में दी गई सेवाओं को रिटायर होने के बाद मिलने वाले लाभ में जोड़ा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद तदर्थ शिक्षकों को शिक्षामित्रों की तर्ज पर ही सामान्य भर्ती परीक्षा में शामिल होना पड़ेगा और बनने वाली मेरिट में सरकार उन्हें भारांक का लाभ देगी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने नियमित भर्ती कराने के आदेश भी दिए हैं। बता दें, इस केस से लगभग दो हजार याचिकाकर्ता जुड़े हुए हैं। बता दें, इस समय प्रदेश में करीब 17 हजार तदर्थ शिक्षक कार्यरकत रहे हैं। तदर्थ शिक्षक एसोसिएशन का कहना है कि प्रदेश के करीब 4500 से अधिक सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में इस समय 17,000 से अधिक शिक्षक कार्यरत है। बता दें, अभी तक नियमित शिक्षकों के अभाव में रिक्त पद पर प्रबंधन (Management Quota) तदर्थ शिक्षकों को नियुक्त कर देता है।