मदरसा बोर्ड एक्ट 2004 को असंवैधानिक घोषित करने तथा मदरसा शिक्षा को धार्मिक शिक्षा मान कर मदरसा छात्रों को अन्य स्कूलों में स्थानांतरित करने के उच्च न्यायालय इलाहाबाद के निर्णय को निरस्त कर सुप्रीम कोर्ट के एक्ट की वैधता को बरकरार रखने के फैसले का शिया व सुन्नी उलमा और संगठनों ने स्वागत किया। उन्होने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को इंसाफ की जीत बताते हुए कहा की इससे प्रदेश में मदरसों में पढ़ने वाले लाखों छात्र छात्राओं का भविष्य सुरक्षित हुआ है।
मदरसों में गरीब बच्चों को मिलती है शिक्षा
जामिया बहरूल उलूम फिरंगी महल के संरक्षक मौलाना मुफ़्ती अबुल इरफान मियां फिरंगी महली ने कहा कि मदरसों में गरीब और बेसहारा बच्चों को शिक्षा देकर मुल्क की तरक्की में हिस्सेदार बनाने की कोशिश होती है। इस कोशिश में प्रदेश सरकार की ओर से बनाया गया मदरसा बोर्ड योगदान देता है। मदरसा बोर्ड की मुंशी, मौलवी, आलिम की मार्कशीट को अन्य बोर्ड के बराबर दर्जा दिया गया है। इसमें छात्रों को हिन्दी, अंग्रेजी, विज्ञान, गणित की तालिम भी दी जाती है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला न्यायपालिका पर विश्वास बढ़ाने वाला
इस्लामिक मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक एसोसिएशन के राष्ट्रीय अद्यक्ष एजाज अहमद ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को न्यायपालिका पर विश्वास बढ़ाने वाला बताया। उन्होने कहा कि इससे मदरसा शिक्षा परिषद से जुड़े 16000 मान्यता प्राप्त मदरसों के साथ उसमें शिक्षारत 20 लाख छात्रों और उसमें काम करने वाले हजारों शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित होगा।
सुप्रीम कोर्ट मे इंसाफ कि हुई जीत
हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपीलकर्ता टीचर्स एसोसिएशन अदारिस अरबिया उत्तर प्रदेश में बीती 22 मार्च को हाईकोर्ट इलाहाबाद के दिये फैसले को रद्द करने के सुप्रीम निर्णय का स्वागत किया। संगठन के महासचिव एवं मदरसा बोर्ड के पूर्व सदस्य दीवान साहब जमा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को इंसाफ की जीत बताया।
देश के मदरसे असंवैधानिक नहीं
इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के चेयरमैन एवं ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए उसका स्वागत किया। उन्होने कहा कि देश के मदरसे असंवैधानिक नहीं है। उन्होने कहा कि मुस्लिम समुदाय द्वारा चलाए जा रहे मदरसे और शिक्षण संस्थान संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत संचालित है जो अल्पसंख्यकों को अपने शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने का अधिकार प्रदान करता है। मौलाना ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसों के लिए नियम के तहत बोर्ड बनाया था। उसके अंतर्गत आने वाले मदरसे असंवैधानिक कैसे हो सकते है।
फैसले से मदरसा शिक्षा से विवाद खत्म होगा
बसपा सुप्रीमों मायावती ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे निश्चित रूप से यूपी में मदरसा शिक्षा पर विवाद और हजारों मदरसों को लेकर अनिश्चितता समाप्त हो जाएगी। सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होने कहा कि शीर्ष अदालत के फैसले से विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के मदरसों को मान्यता और स्थिरता मिलने की संभावना है।