संपत्ति का ब्यौरा न देने के चलते प्रदेश में 32624 राज्य कर्मियों का सितंबर माह का वेतन रुक गया है। संपत्ति की घोषणा के लिए अंतिम तिथि 30 सितंबर थी। शासन ने सभी राज्य कर्मियों को पहले ही चेता दिया था कि अगर उन्होने 30 सितंबर तक मानव सम्पदा पोर्टल पर संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया तो उनका वेतन जारी नहीं किया जाएगा। इतना ही नहीं ब्यौरा न देने वाले कर्मियों से संबन्धित आहरण-वितरण अधिकारी (डीडीओ) के वेतन रोकने के भी निर्देश दिये गए थे। मानव सम्पदा पोर्टल पर ब्यौरा देने से पीसीएस और पीपीएस को मुक्त रखा गया था।
प्रदेश में राज्य कर्मचारियों कि कुल संख्या 825967 है। जिनमें से 30 सितंबर तक 793343 कर्मचारियों ने ही अपनी आय का ब्यौरा दिया। शासन के उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक सभी विभागों को संपत्ति न देने वाले कर्मचारियों का सितंबर का वेतन रोकने का आदेश पहले ही दे दिया गया था। इन विभागों से निर्देशों के अनुपालन कि रिपोर्ट भी मांगी जा रही है।
कार्मिक विभाग के आदेश के बाद सरकारी कर्मचारियों का वेतन रोक दिया गया है, जिसके बाद से राज्य कर्मियों में हड़कंप मच गया है। दरअसल, राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार पर नकेल लगाने के लिए आईएएस और पीसीएस अधिकारियों की तरह राज्य कर्मियों पर भी संपत्तियों का ब्योरा देना अनिवार्य कर दिया है। पहले चरण में मानव सम्पदा पोर्टल पर सभी कर्मियों का पूरा ब्यौरा फीड कराया गया। इसके बाद अप्रैल में इसी पोर्टल पर ऑनलाइन संपत्तियों का ब्यौरा देना अनिवार्य किया गया।
इससे पहले सरकारी राज्य कर्मचारियों को अगस्त तक का समय दिया गया था। इसके बाद योगी सरकार ने कर्मियों को एक माह का और मौका दिया था। कार्मिक विभाग द्वारा यह आदेश जारी किया गया है कि 30 सितंबर तक संपत्तियों का ब्यौरा न देने वालों को किसी भी हाल में वेतन जारी नहीं किया जाएगा।