सौभाग्य योजना ने खोले ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार के रास्ते

घरों में रोशनी के साथ साथ अब केन्द्र सरकार की सौभाग्य योजना ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार के रास्ते भी खोल रही है। कौशल विकास मंत्रालय ने इस योजना के तहत ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षित करने की जिम्मेदारी ली है। जिससे 55,500 लाइनमैन और हेल्परों की कमी को पूरा किया जाए। इसके लिए ऊर्जा मंत्रालय और कौशल विकास मंत्रालय के बीच करार हो गया है।
केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी सौभाग्य योजना के तहत 2019 तक देश के हर घर में रोशनी होगी। सरकार का अनुसार, इसके लिए कुल 47 हजार लाइनमैन और 8500 तकनीकी हेल्परों की जरूरत पड़ेगी। इनमें से 47 हजार की जरूरत तो सिर्फ छह राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड, ओडिशा और असम में होगी।
ऊर्जा मंत्रालय और कौशल विकास मंत्रालयों के बीच हुए करार के मुताबिक, रिक्त पदों की कमी ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षण देकर पूरा किया जाएगा। इसके लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था भी जिलास्तर पर मौजूद आइटीआइ में होगी। दरअसल, अभी अधिकांश तौर पर यह काम ठेकेदारों से कराया जाता है और वही लाइनमैन और हेल्पर मुहैया कराते हैं। सबसे पहले ठेकेदारों के तहत काम कर रहे इन्हीं युवाओं को प्रशिक्षित कर बिजली वितरण कंपनियों में रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। यदि संख्या पूरी नहीं हुई तो आइटीआई में इलेक्ट्रीशियन की ट्रेनिंग ले रहे युवाओं को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
भारतीय युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण देने के लिए जापान सरकार के हुए करार के मुताबिक कौशल विकास के लिए युवाओं का पहला जत्था भारत से रवाना हो गया। जापान में ये युवा विभिन्न कंपनियों में एक साल का प्रशिक्षण लेकर वापस आएंगे। इससे देश में अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षित कामगारों की कमी दूर होगी। जापान-भारत के बीच करार के मुताबिक अगले तीन साल में पांच लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा।
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