सीएम योगी आदित्यनाथ: यूपी में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सरकार प्रतिबद्ध, पीपीपी मोड पर बनेगा मेडिकल कॉलेज

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार सभी नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिए दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने बताया कि पहली बार केंद्र और राज्य सरकार पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर मेडिकल कॉलेज का निर्माण करवा रही है, जिससे उत्तर प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा सुधार होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा, “यूपी वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। आने वाले 5 से 7 वर्षों में प्रदेश में डॉक्टरों की कमी पूरी तरह खत्म हो जाएगी। सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में कुशल डॉक्टर मिलेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि लोहिया संस्थान, एसजीपीजीआई, केजीएमयू जैसे सरकारी संस्थानों को विशेषज्ञ चिकित्सक मिलेंगे, जिससे चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता में बड़ा सुधार होगा।

लोहिया संस्थान: उत्तर भारत में उत्कृष्ट चिकित्सा केंद्र

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के चतुर्थ स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुए। उन्होंने संस्थान की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा, “यह अस्पताल अब 1300 बिस्तरों वाले बड़े संस्थान के रूप में विकसित हो चुका है और उत्तर भारत में बेहतरीन चिकित्सा केंद्र के रूप में उभर रहा है।” उन्होंने कहा कि अच्छे कामों का परिणाम भी हमेशा सकारात्मक होता है और यह संस्थान इसका उदाहरण है।

योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि “हमारी संस्कृति जीवन के विकास का आधार है। ऋषि परंपरा में बीज का वृक्ष बनना संस्कृति कहलाता है, जबकि बीज का सड़कर नष्ट हो जाना विकृति है। लोहिया संस्थान इसी परंपरा के अनुरूप एक अस्पताल से एक उत्कृष्ट चिकित्सा संस्थान बनकर सामने आया है।”

आयुष्मान भारत: 5 करोड़ 11 लाख गोल्डन कार्ड जारी

मुख्यमंत्री ने आयुष्मान भारत योजना की उपलब्धियों पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में अब तक 5 करोड़ 11 लाख से अधिक गोल्डन कार्ड जारी किए जा चुके हैं, जिससे प्रदेश के लाखों लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिल रही है। इसके अलावा, केंद्र सरकार ने 70 वर्ष से अधिक उम्र के प्रत्येक व्यक्ति को आयुष्मान कार्ड का लाभ देने का निर्णय लिया है।

उन्होंने कहा, “5 से 7 वर्ष पहले तक इस प्रकार की योजना की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। आज, मुख्यमंत्री राहत कोष से बिना किसी भेदभाव के हर जरूरतमंद व्यक्ति को इलाज के लिए मदद दी जा रही है।”

विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति

समारोह के दौरान उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा, और संस्थान के निदेशक डॉ. सीएम सिंह समेत कई विशिष्ट अतिथियों ने भी समारोह में भाग लिया।

सीएम योगी ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में तेजी से हो रहे विकास का आश्वासन दिया।

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