छात्रों के आंदोलन के बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने एक ही दिन परीक्षा कराने का निर्णय तो ले लिया लेकिन इससे केंद्र निर्धारण के साथ प्रश्न-पत्रों की सुरक्षा की चुनौती भी बढ़ गई है। अब आयोग को शहर से बाहर केंद्र बनाने पड़ेंगे। ऐसे में प्रश्न-पत्रों की सुरक्षा का दायरा भी बढ़ेगा।
पीसीएस प्रारम्भिक परीक्षा के लिए 576154 आवेदन आए हैं। इतने अभ्यर्थियों की परीक्षा कराने के लिए आयोग को 1758 केन्द्रों की जरूरत होगी जबकि मानक के अनुरूप आयोग को 978 केंद्र ही मिले है। ऐसे में केन्द्रों की संख्या बढ़ाने के लिए शहर मुख्यालय से 10 किमी की परिधि में केंद्र निर्धारण की शर्त को शिथिल कर दिया है। यानि अब ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल-कॉलेज भी केंद्र बनेंगे।
वहीं आयोग की नई गाइड लाइन के अनुसार अब प्रश्न-पत्र डबल लाक वाले बॉक्स (ट्रंक) में रखे जाएंगे। इसमें एक तो ताला लगा होगा जबकि दूसरा लाक कोड निर्धारित होगा। परीक्षा के चंद मिनट पहले आयोग की ओर से कोड बताया जाएगा। इसके बाद ही बॉक्स खुल पाएंगे। यह प्रक्रिया हर सेंटर पर अपनानी होगी। ऐसे में केन्द्रों का दायरा बढ्ने के साथ सिक्योरिटी लाक को टूटने से बचाने की चुनौती भी बढ़ेगी। इसके अलावा दूर दराज के क्षेत्रों में केंद्र होने पर इन बॉक्सों को सुरक्षित पहुचाने की भी चुनौती होगी। इतना ही नहीं नए मानक के अनुसार हर केंद्र में मजिस्ट्रेट की तैनाती करनी होगी यानि एक साथ इतने अफसरों की ड्यूटी लगानी होगी।
पेपर छापने और केन्द्रों तक पहुचाने के लिए महज 36 दिन
आयोग ने पीसीएस परीक्षा की तारीख 22 दिसंबर तय की है। ऐसे में अब महज 36 दिन शेष बचे हैं। नई नियमावली के तहत परीक्षा के लिए चार तरह के प्रश्न पत्र बनाने होंगे ताकि एक प्रश्न पत्र के आउट होने या अन्य तरह की दिक्कत होने पर दूसरे पेपर से परीक्षा कराई जाए। आयोग को विशेषज्ञों का पैनल तैयार कर चार तरह के पेपर बनवाने होंगे और इन्हें अलग-अलग जगह छपवाना होगा। इसके बाद केंद्रवार प्रश्न पत्रों के बॉक्स बनवाकर संबन्धित जिलों को भेजने होंगे। इस पूरी प्रक्रिया के लिए मात्र 36 दिन बचे हैं। अफसरों के अनुसार परीक्षा एक दिन कराने के फैसले के बाद ही प्रश्न पत्र बनाने समेत अन्य प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
छात्रो के आंदोलन के खिलाफ झुकना पड़ा यूपीपीएससी को
आपको बतादें चार दिनों से आंदोलन पर बैठे छात्रों का बृहस्पतिवार को पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ गुस्सा भड़का तो उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) को पीछे हटना पड़ा था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आयोग के सचिव को आंदोलनकारी छात्रों के बीच आकर घोषणा करनी पड़ी थी कि पीसीएस परीक्षा पूर्व की भांति एक दिन में कराई जाएगी।