देवभाषा संस्कृत के प्रति नई पीढ़ी को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विद्वानों ने सराहना की है। संस्कृत भाषा में अध्ययन कर रहे छात्रों की छात्रवृति बढ़ाने को वे एक महत्वपूर्ण कदम मानते हैं और कहते हैं देवभाषा के पुनरुथान के लिए यह आवश्यक था। इससे संस्कृत के प्रति छात्रों का आकर्षण बढ़ेगा। राज्य सरकार ने 24 साल बाद कैबिनेट की बैठक में संस्कृत विध्यालयों के छात्रों की छत्रव्रती बढ़ाने का निर्णय किया है और इसके लिए वार्षिक आय की शर्त को भी हटा लिया है।
संकृत भाषा के स्कूलों के पुनरुद्धार के लिए राज्य सरकार ने कई घोषनाए की है। इसी क्रम में छात्रवृति बढ्ने का निर्णय भी है।
अब कितनी मिलेगी स्कॉलरशिप?
प्रदेश में कक्षा 6 और 7 के लिए 50 रुपये और कक्षा 8 के लिए 75 रुपये प्रतिमाह की दर से छात्रवृत्ति संस्कृत के छात्रों को छात्रवृत्ति मिलेगी। वहीं कक्षा 9 से 10 के लिए 100 रुपये और उत्तर मध्यमा कक्षा 11 और 12 के लिए 150 रुपये। इंटरमीडिएट के लिए 200 रुपये प्रतिमाह की दर से छात्रवृत्ति मिलेगी। ग्रेजुएशन के लिए 250 रुपये प्रतिमाह की दर से छात्रवृत्ति मिलेगी।
बैठक में मौजूद रहे दोनों डिप्टी सीएम
यूपी सरकार की इस मीटिंग में सीएम योगी आदित्यनाथ से साथ ही प्रदेश के दोनों ही डिप्टी सीएम, केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक मौजूद रहे. साथ ही सभी कैबिनेट मंत्री भी मौजूद रहे. इस बैठक में 13 प्रस्तावों को मंजूरी मिली है, जबकि 14 प्रस्ताव पटल पर रखे गए थे।
यूपी सरकार की कैबिनेट मीटिंग में संस्कृत विद्यालय और कॉलेज के बच्चों की छात्रवृत्ति बढ़ा दी गई है। कक्षा एक से ग्रेजुएशन तक कक्षाओं में 50,100,150,200, 250 रुपये मासिक छात्रवृत्ति देने का ऐलान किया गया है। इसमें आय वर्ग का बंधन भी खत्म कर दिया गया है। सरकार के इस फैसले से संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा और छात्रों को वित्तीय सहायता भी मिलेगी।