भारत को डिफेंस सिस्टम देगा रूस, एक साथ 36 मिसाइलें गिरा सकेगी आर्मी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों रूस के दौरे पर हैं। इस दौरे पर भारत ने रूस के साथ रक्षा के अलावा कई क्षेत्रों मे समझौते किए हैं। इस समझौते के तहत रूस ने साफ किया है कि वह भारत को एस-400 मिसाइल सिस्टम देगा। दोनों देशों के बीच इस पर बातचीत हो चुकी है। वहीं, दोनों देशों ने साथ मिलकर एयरक्राफ्ट और ऑटोमोबाइल्स बनाने पर भी सहमति जताई है।
एक साथ पाकिस्तान और चीन निशाने पर आए
आपको बता दें, पिछले साल गोवा में ब्रिक्स समिट के दौरान भारत-रूस के बीच करीब 40 हजार करोड़ रुपए की इस डिफेंस डील पर चर्चा हुई थी। इस डील के तहत सबसे बड़ा फायदा एस-400 मिसाइल सिस्टम के तहत मिलेगा। यह पाकिस्तान या चीन की 36 न्यूक्लियर पावर्ड बैलिस्टिक मिसाइलों को एक वक्त में एक साथ टारगेट कर सकेगा।
रूस से फ्रांस रवाना होंगे मोदी
रूस में शुक्रवार को नरेंद्र मोदी के दौरे का आखिरी दिन है। मोदी सेंट पीटर्सबर्ग में इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम में हिस्सा लेंगे और यूएन सेक्रेटरी जनरल एंटोनियो गुटेरेस से मुलाकात करेंगे। इससे पहले मोदी ने सेंट पीटर्सबर्ग में बौद्ध धर्मगुरु से मुलाकात की। 4 देशों के दौरे पर निकले मोदी आज फ्रांस रवाना होंगे।
मिसाइल सिस्टम देने की तैयारी शुरू
रूस के डिप्टी प्राइम मिनिस्टर दिमित्री रोगोजिन ने कहा, "भारत को एस-400 एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम देने की तैयारी शुरू हो गई है। हालांकि ये कहना मुश्किल है कि पूरी डील होने में कितना वक्त लगेगा। दोनों देशों के बीच एग्रीमेंट हो गया है। टर्म्स और कंडीशंस को लेकर बातचीत चल रही है। दोनों देशों ने मिलकर कामोव-226 मिलिट्री हेलिकॉप्टर और जंगी जहाज बनाने पर भी सहमति जताई है।
आपको बता दें कि S-400 डिफेंस सिस्टम में 400 किमी दूर से आ रहे टारगेट को ट्रैक करने की कैपिसिटी रहेगी। यह पाकिस्तान या चीन की 36 न्यूक्लियर पावर्ड बैलिस्टिक मिसाइलों को एक वक्त में एक साथ टारगेट कर सकेगा। यह सिस्टम इंडियन आर्मी को जबर्दस्त शील्ड देगा।
न्यूक्लियर पावर प्लांट लगाने में मदद करेगा रूस
रूस, भारत को तमिलनाडु के कुडनकुलम न्यूक्लियर प्लांट की दो नई यूनिट लगाने में मदद देगा। इसे करार को अहम इसलिए माना जा रहा है क्योंकि इस पर कई साल से बातचीत चल रही थी और दोनों देशों में कुछ शर्तों पर एकराय नहीं बन पा रही थी। लेकिन, अब यूनिट 5 और 6 के लगने का रास्ता साफ हो गया है। इसके अलावा ट्रेड, टेक्नोलॉजी, रीजनल कोऑपरेशन और डिफेंस सेक्टर में करार हुए। दोनों देशों की तीनों सेनाएं (एयरफोर्स, नेवी और आर्मी) मिलकर इस साल इंद्र नाम की ज्वॉइंट मिलिट्री एक्सरसाइज करेंगी।
दोस्ती और विश्वास का खास रिश्ता
पुतिन के साथ मुलाकात के बाद मोदी ने कहा कि रूस और भारत दोनों सभी के लिए खुशी और फायदे में यकीन करते हैं। दोनों देशों और यहां के लोगं के बीच दोस्ती और विश्वास का खास रिश्ता है। हमने ने हर रिश्ते में उतार-चढ़ाव देखा, लेकिन भारत और रूस के रिश्तों में कभी उतार-चढ़ाव नहीं आया। इस मौके पर पुतिन ने कहा, "भारत जल्द ही शंघाई कॉरपोरेशन ऑर्गनाइजेशन (SPO) का हिस्सा बन जाएगा।"
भारत को क्या फायदा?
1- न्यूक्लियर प्लान्ट की 2 यूनिट बनाने की डील होने के बाद भारत को हर एक रिएक्टर से 1000 मेगावॉट (कुल 2 हजार मेगावॉट) बिजली मिलेगी।
2- मौजूदा वक्त में देश में 22 रिएक्टर्स में 6 हजार 780 मेगावॉट बिजली बनाने की कैपिसिटी है।
3- 2015 में मोदी-पुतिन ने एक करार पर साइन किए थे। इसके मुताबिक, दिसंबर 2016 में न्यूक्लियर यूनिट्स के लिए एक फ्रेमवर्क तैयार किया जाएगा।
4- S-400 रूस का सबसे एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम है। भारत ने 5 सिस्टम खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। इसकी कॉस्ट 33 हजार करोड़ रुपए होगी।
5- यह पाकिस्तान या चीन की 36 न्यूक्लियर पावर्ड बैलिस्टिक मिसाइलों को एक वक्त में एक साथ टारगेट कर सकेगा।
6- S-400 डिफेंस सिस्टम में 400 किमी दूर से आ रहे टारगेट को ट्रैक करने की कैपिसिटी रहेगी।
7- यह पाकिस्तान या चीन की 36 न्यूक्लियर पावर्ड बैलिस्टिक मिसाइलों को एक वक्त में एक साथ टारगेट कर सकेगा। यह सिस्टम इंडियन आर्मी को जबर्दस्त शील्ड देगा।
8- S-400 एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम से मिसाइलों, ड्रोन और यहां तक कि फाइटर प्लेन्स को भी निशाना बनाया जा सकेगा।
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