गाँवों में बिछेगा सड़कों का जाल, 61 हजार किमी लंबी बनेगी सड़क

गाँवों को शहरों से जोड़ने के लिए पीएमजीएसवाई की सड़कें बिछाने की योजना को आगे बढ़ाते हुए अब बाकी बचे गाँवों की सड़कों को भी पक्का किया जाएगा। इस वित्त वर्ष में 20 हजार गाँवों को जोड़ने का लक्ष्य तय किया गया है जिसपर जल्द ही काम शुरू हो जाएगा।
इसके लिए कुल 61 हजार किमी लंबाई की ग्रामीण सड़कें बनाई जाएंगी। इनमें कुल 12 हजार किमी लंबाई की ग्रीन टेक्नोलॉजी वाली सड़कें बनाई जाएंगी। बीते वित्त वर्ष 2017-18 में लगभग 49 हजार किमी लंबाई की सड़कें बनाई गईं। इसमें साढ़े छह हजार किमी की सड़कें ग्रीन टेक्नोलॉजी पर आधारित हैं। सड़कों के निर्माण की रफ्तार भी प्रतिदिन बढ़ाकर 133 किमी कर दिया गया है। जबकि रोजाना 32 गांवों पक्की सड़कों से जोड़ा गया है, इससे कुल साढ़े 11 हजार किमी लंबाई की सड़कें बनाई गईं।
देश के कुल 13 राज्यों में पीएमजीएसवाई का दूसरा चरण पूरा हो चुका है, जबकि 14 राज्यों में यह चरण जारी है। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2019 तक कुल 1.78 लाख गांव योजना की सड़कों से जुड़ जाएंगे। पीएमजीएसवाई में अब तक कुल 5.50 लाख किमी लंबाई की सड़कें बनाई जा चुकी हैं।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की सड़कों को बनाने पर ज्यादा जोर है। चालू वित्त वर्ष में कुल 268 सड़कों के लिए 4134 किमी लंबाई की सड़कों के बनाने का लक्ष्य तय किया गया है, जिसके लिए 4142 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। ये सड़कें बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, ओडिसा और मध्य प्रदेश में प्रमुख रुप से बनाई जाएंगी। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) की सड़कों के निर्माण में ग्रीन टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाएगा। अब तक ऐसी कुल साढ़े 17 हजार से किमी से अधिक सड़कें ग्रीन टेक्नोलॉजी से बना दी गई हैं।
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