'कैशलेस सोसाइटी' के लिए एक करोड़ ग्रामीणों का 'डिजिधन' में रजिस्ट्रेशन

नोटबंदी के बाद डिजिटल अर्थव्यवस्था की मुहिम को तेज करते हुए केंद्र सरकार ने 'डिजिधन अभियान' के जरिए एक करोड़ ग्रामीणों का डिजिटल तरीके से भुगतान के लिए पंजीकरण किया है। सरकार की तरफ से एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। इस बयान में कहा गया कि 3 लाख से ज्यादा व्यापारियों ने ग्रामीण भारत में गांव के उपभोक्ताओं को कई जिलों और ब्लॉक में डिजिटल भुगतान सेवा देने की पेशकश की है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा, 'तीव्र गति से ग्रामीण नागरिकों का डिजिटल तरीके से भुगतान की प्रक्रिया का अपनाना देश के डिजिटल परिवर्तन में उनके सहयोग और उत्साह को दिखाता है। यह हमारे प्रधानमंत्री के ईमानदारी और पारदर्शिता के डिजिटल शासन को वास्तविकता में बदलने को प्रोत्साहित करता है।'
8 नवंबर को बंद हो चुके हैं 500 और 1000 के नोट
आपको बता दें, केंद्र में मोदी सरकार के 8 नवंबर को 500 व 1,000 रुपये के नोटों की नोटबंदी की घोषणा की। इसके बाद से सरकार देश की अर्थव्यवस्था को ज्यादातर डिजिटल करने की योजना बना रही है। बयान में कहा गया है कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा संख्या में नामांकन दर्ज किए गए है। यह क्रमश: 15 लाख और 12.5 लाख हैं। साथ ही छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक संख्या में व्यापारियों ने पंजीकरण कराया है। इन दोनों राज्यों में इनकी संख्या 60,000 से ज्यादा है। सार्वजनिक सेवा केंद्र (सीएससी) और ग्रामीण स्तर के उद्यमी, लोगों में डिजिटल साक्षरता फैलाने में अपना सहयोग दे रहे हैं।
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