रेलवे ने गैंगमैनों की सुरक्षा के लिए बनाया 'रक्षक'

ट्रैक मेंटीनेंस के दौरान कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए भारतीय रेलवे ने उन्हें एक आधुनिक सुरक्षा उपकरण से लैश करने की योजना बनाई है। 'रक्षक' नाम का यह डिवाइस रेलवे ट्रैक मेंटीनेंस देखने वाले गैंगमैनों की सुरक्षा के लिहाज से बनाया गया है।
हर साल करीब 400 गैंगमैन दुर्घटनाओं में मारे जाते
गैंगमैनों को हाल ही में रेलवे ट्रैक के मेंटीनेंस का काम सौंपा गया है। ऐसा अक्सर देखा गया है कि ट्रैक ठीक करते वक्त कई बार कर्मचारी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं और ट्रेन की चपेट में आकर उनकी जान चली जाती है। आंकड़ों के मुताबिक हर साल करीब 400 गैंगमैन ड्यूटी के दौरान ट्रेन दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं।
रक्षक एक वॉकी-टॉकी के जैसा उपकरण है। इसका इस्तेमाल ट्रैक पर आ रही ट्रेन के अलर्ट के लिए होगा जो गैंगमैन को समय रहते ट्रैक से हटने की चेतावनी देगा। गैंगमैनों को रक्षक से लैश करने की इस योजना की घोषणा 2016-17 के रेल बजट में होने की पूरी उम्मीद है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु खुद भी रेल नेटवर्क पर सुरक्षा के प्रति खासे सचेत हैं।
समय रहते सचेत करेगा
गैंगमैन को सुरक्षा उपकरण देने के अलावा रेलवे मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग पर रेडियो आधारित वार्निंग सिस्टम चालू करने की योजना बना रहा है। हाई फ्रीक्वेंसी वाला यह रेडियो डिवाइस सोलर एनर्जी से चलेगा और सड़क से गुजरने वाले लोगों को समय रहते सचेत करेगा।रेलवे के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक, एक्सीडेंट बहुल एरिया में काम करने वाले गैंगमैन सबसे पहले इस सुविधा से लैश होंगे, उसके बाद धीरे-धीरे सभी जगहों पर उसे उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि फिलहाल रेलवे में करीब 2 लाख गैंगमैन हैं। एक रक्षक डिवाइस की अनुमानित कीमत करीब 80 हजार रुपये है, जिसका फिलहाल ट्रायल चल रहा है।
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