रायबरेली के रेल कोच कारखाने में बनेगा रेलवे पार्क, ये होंगे फायदे

लालगंज रेल कोच कारखाने में 1100 करोड़ की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण करने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश वासियों को बड़ी सौगात दे गए। इससे न सिर्फ प्रदेश के हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा बल्कि रेल कोच कारखाने के आसपास के कस्बों व गांवों का भी विकास होगा। रेल कोच फैक्ट्री की क्षमता बढ़ने से कामगारों, इंजीनियरों और डिप्लोमा होल्डरों को रोजगार मिलेगा। यूपी सरकार और रेल मंत्रालय मिलकर यहां पर रेल इंडस्ट्रियल पार्क बनाएगा। जिससे स्थानीय व्यापारी रेल कोच कारखाने में सीधे ही सप्लाई कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि इसका लाभ सीधे ही यहां के लघु और सूक्ष्म उद्योग को मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि "पहले फैक्ट्री के लिए स्थानीय कारोबारियों से एक करोड़ रुपए से भी कम का सामान खरीदा जाता था। भाजपा सरकार आने के बाद इस साल सवा सौ करोड़ रुपए का माल यहीं के कारोबारियों से खरीदा गया है। अब रेलवे यहां पर रेल पार्क बनाने जा रहा है।''
रेल कोच में डिब्बों को बनाने की बढ़ेगी क्षमता
रेल कोच में 900वें कोच को रवाना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जल्द ही रेल कोच कारखाने में निर्माण की क्षमता को भी बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जहां अभी सिर्फ हर वर्ष में लगभग 700 डिब्बे निर्मित होते हैं, अगले वर्ष तक यहां पर 1400 डिब्बे निर्मित होने लगेंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले तीन वर्षों में हमारा प्रयास रहेगा कि यहां पर हर वर्ष 3000 डिब्बों का निर्माण हो। उन्होंने कहा कि यहां पर कोच निर्माण का काम बढ़ेगा तो स्थानीय लोगों को भी लाभ मिलेगा और रोजगार में भी बढ़ोत्तरी होगी।
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ग्लोबल हब बनेगा रेल कोच कारखाना
रायबरेली का रेल कोच आने वाले वर्षों में ग्लोबल बनेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रैली में कहा कि हमारा प्रयास होगा कि भविष्य में 5000 कोच वर्ष में रायबरेली से बने। प्रतिदिन 10 से 15 कोच बनकर निकलेंगे। यही नहीं यहां पर आने वाले समय में देशभर की मेट्रो और सेमी हाईस्पीड ट्रेनों और एल्युमीनियम के डिब्बे भी बनकर यहां से निकलेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास रहेगा कि रायबरेली का रेल कोच कारखाना पूरे विश्व में जाना जाएं।
ऐसे चला रेल कोच का पहिया
रेल कोच का निर्माण 2006 में शुरू हुआ था, लेकिन सियासत की वजह से इसके निर्माण में देरी होती चली गई। 476 हेक्टेयर में फैले रेल कोच कारखाने के निर्माण में 3 हजार करोड़ खर्च किए गए। रायबरेली-कानपुर मार्ग पर ऐहार ग्रामसभा के पास एक सरकारी फॉर्म हाउस, ऊसर और आसपास के किसानों की जमीन का अधिग्रहण करके रेल कोच कारखाने का निर्माण किया गया। इस कारखाने में अधिग्रहण उस समय लग गया था जब मायावती ने जमीन देने से मना कर दिया था। हालांकि इसका निर्माण कार्य 2010 में पूरा हो गया और इसके बाद डिब्बों का निर्माण कार्य शुरू हो गया।
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