कुम्भ मेले में इस तरह 'पुण्य' कमा रहे कैदी, जानें कैसे हुआ संभव

दुनिया भर के लोगों के लिए आस्था का केंद्र बने चुके कुम्भ मेले में कैदी भी 'पुण्य' कमा रहे हैं। जी हां, वह भले ही संगमतट पर आकर त्रिवेदी में डूबकी नहीं लगा सकते हैं, लेकिन कुछ तरह से उनको 'पुण्य' कमाने का मौका मिल रहा है। दरअसल, कारागार विभाग ने पिछली बार की तरह इस बार भी ब्रिकी का स्टॉल लगाया है। जिसमें उत्तर प्रदेश की अलग-अलग जेलों में बंद कैदियों की ओर बनाए गए सामानों को बेचा जा रहा है। वैसे, कुम्भ और कैदियों का कोई संगम नहीं हो सकता है, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने कैदियों को 'पुण्य' कमाने का अच्छा मौका दिया है। उत्तर प्रदेश की कई जेलों कुम्भ में सामान बिकने के लिए आया है। बता दें कि पिछली बार भी मेले में सामान की ब्रिकी हुई थी। लेकिन, इस बार भी कुंभ मेलों में पिछली बार की तुलना में ज्यादा सामान को बिक्री के लिए लाया गया है।
आगरा की जेल से यह आया यह सामान
कुम्भ मेले में आगरा सेंट्रल जेल से काफी सामान आया हुआ है। यहां की जेल से पेठा के अलावा लकड़ी से बना सामान भी बिकने के लिए आया हुआ है। केंद्रीय कारागार आगरा में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कयूम, पप्पू पेंटर, इसरार सहित तीन दर्जन कैदियों ने अपने हनुर का प्रयोग किया गया है। हथियार की जगह आरी लेकर कैदियों ने लकड़ी की सूरत को हर नई शक्ल दी। कैदियों ने बच्चों के लिए कुर्सी-मेज के अलावा खिलौने बनाएं है तो महिलाओं के लिए चकला-बेलन, चम्मच, मोमबत्ती स्टैंड, स्टूल आदि को बनाया है। यह सामान संगमतट पर पहुंच चुका है। बता दें कि आगरा सेंट्रल जेल के कैदियों को कोर्ट के लिए कुर्सी मेज, बेंच बनाने में विशेषज्ञता हासिल है। उनके बनाए फर्नीचर की मजबूती को देखते हुए प्रदेश की अधिकांश कोर्ट में यहां से फर्नीचर भेजा जा रहा है।
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नैनी जेल से आया 38 तरह का सामान
कुम्भ मेले में इस बार नैनी जेल से 38 तरह का सामान आया है। पिछले दिनों नैनी केंद्रीय कारागार के डीआईजी बीआर वर्मा ने बताया, ‘इस बार नैनी जेल में 38 तरह के सामान को तैयार किया जा रहा है और इसकी बिक्री कुंभ मेले में की जाएंगी। पिछले कुंभ मेले में आगरा जेल का पेठा लोगों को खासा पसंद आया और करीब छह क्विंटल पेठा की बिक्री हुई थी, कुंभ मेले में श्रद्धालुओं की अधिक मांग को देखते हुए इस बार अधिक उत्पादन कराया जा रहा है।’ नैनी जेल में ही कंबल फैक्ट्री, सिलाई और काष्ठ कला जैसे उद्योगों में करीब 1200 कैदी काम करते हैं।
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बनारस की जेल से आएगा यह सामान
कुम्भ मेले में बनारस के सामान की काफी लोकप्रियता रहती है। अधिकारियों की माने तो इस बार भी बनारस की जेल से बहुत कुछ आया है। वाराणसी जेल के कैदियों द्वारा तैयार पीतल का घंटा, लोटा, थाली और गिलास की भी मेले में भारी मांग रहती है। डीआईजी ने बताया कि हमारे यहां पर बनने वाले सामान की गुणवत्ता अच्छी होती है इसी वजह से हमारे यहां का सामान ग्राहकों को पंसद आता है। उन्होंने बताया कि इस बार भी हमारे यहां पर दाम काफी कम रखे गए हैं। कुम्भ मेले में इस बार कुंभ मेले में आगरा जेल से पेठा, बेल्ट, जूते आदि मंगाए गए हैं, आजमगढ़ जेल से खिलौने, सीतापुर जेल से दरी और फतेहगढ़ जेल से गार्डेन अंब्रेला मंगाया गया है।
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