देश के पहले 'इंडिया इंटरनेशनल एक्सचेंज' की गुजरात में हुई शुरुआत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी (GIFT) के इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर (आईएफएससी) में देश के पहले इंटरनेशनल एक्सचेंज 'इंडिया इंटरनेशनल एक्सचेंज' (आईएनएक्स) का उद्घाटन किया। इंडिया आईएनएक्स, बीएसई (बांबे स्टाक एक्सचेंज) लिमिटेड के पूर्ण स्वामित्व वाली आनुषंगी कंपनी है। यह विश्व के सबसे आधुनिक प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म में से एक है और इसका टर्न अराउंड टाइम 4 माइक्रोसेकंड है। यह दिन में 22 घंटे खुला रहेगा, जिससे अंतरराष्ट्रीय निवेशक एवं प्रवासी भारतीय विश्व में कहीं से भी भारत में ट्रेड कर सकें।
वित्तीय क्षेत्र के लिए बेहद महत्वपूर्ण
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इंडिया इंटरनेशनल एक्सचेंज का उद्घाटन भारत के वित्तीय क्षेत्र के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि प्रतिभा और प्रौद्योगिकी के संयोजन के साथ भारतीय कंपनियां विश्व के तमाम वित्तीय केंद्रों से प्रतियोगिता कर सकती हैं। इस एक्सचेंज के जरिए भारतीय एक्सचेंज के साथ-साथ दुबई, लंदन, सिंगापुर जैसे विश्व के अन्य एक्सचेंज को कम दर पर विविध उत्पादों और प्रौद्योगिकी सेवाओं को उपलब्ध कराया जाएगा।
पूंजी जुटाने में महत्वपूर्ण योगदान
इस अवसर पर बीएसई के चेयरमैन सुधाकर राव ने कहा, 'वित्तीय सेवाओं की दुनिया में बीएसई प्रणेता रही है और इंडिया इंटरनेशनल एक्सचेंज की शुरुआत इसकी नवीनतम उपलब्धि है। हमें पूरा विश्वास है कि यह एक्सचेंज देश के बुनियादी ढांचे और विकास संबंधी जरूरतों के लिए पूंजी जुटाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। यह समानांतर रूप से विश्व में टेक्नोलॉजी के स्तर पर बेहद एडवांस्ड प्लेटफॉर्म पर कम लेनदेन शुल्क के साथ सीमा पार निवेश के अवसर उपलब्ध कराएगा।'
आईएफएससी-गिफ्ट सिटी में स्थित यह एक्सचेंज टैक्स ढांचे और नियामकीय ढांचे के लिहाज से प्रतिस्पर्धात्मक तौर पर फायदेमंद है। इसमें प्रतिभूति लेनदेन कर, कमोडिटी (जिंस) लेनदेन कर, लाभांश वितरण कर और लंबी अवधि में पूंजीगत लाभ पर कर छूट के साथ ही आयकर से छूट जैसे लाभ शामिल हैं। करीब 250 ट्रेडिंग सदस्य, जिनमें कमोडिटी और विदेशी ब्रोकर शामिल हैं, ने इंडिया आईएनएक्स के संग काम करने में दिलचस्पी दिखाई है। एक्सचेंज को उम्मीद है कि सभी प्रकार के प्रतिभागी एक ऐसी पारस्थितिकी विकसित करेंगे, जो इसे वैश्विक स्तर पर अन्य वित्तीय केंद्रों के मुकाबले ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनाएगी।
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