डिजिटल लेनदेन की ओर कदम बढ़ाना जारी रहेगा : मोदी

कम नकदी वाले समाज के लाभों पर बल देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत डिजिटल लेनदेन की ओर बढ़ता रहेगा। उन्होंने युवाओं से इसे सफल बनाने का आह्वान किया। यहां राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के कैडेट और अधिकारियों की एक रैली संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि कैडेट नागरिकों को स्वच्छता की आदत विकसित करने में उनकी सहायता करने में उत्प्रेरक की भूमिका निभा सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, ' देश डिजिटल मुद्रा की ओर बढ़ रहा है और इस प्रयास में एनसीसी के कैडेट ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नोटों के छापने और वितरण करने में अरबों रुपये खर्च होते हैं। केवल एक एटीएम की सुरक्षा के लिए पांच पुलिसकर्मियों की जरूरत होती है।' उन्होंने कहा, ' लेकिन अगर हम डिजिटल हो जाते हैं तो हम काफी पैसे बचा सकते हैं। बाद में इस धन का उपयोग गरीबों को घर, शिक्षा और मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराने में किया जा सकता है। हम अपने पॉकेट से कुछ दिए बिना यह कर सकते हैं।'
डिजिटल भुगतान की आदत डालनी पड़ेगी
मोदी ने इलेक्ट्रॉनिक भुगतानों के लिए लोगों से भीम (भारत इंटरफेस फॉर मनी) एप के इस्तेमाल करने का अनुरोध करते हुए कहा, ' हमें इस डिजिटल भुगतान की आदत डालनी पड़ेगी।' प्रौद्योगिकी के प्रति भारतीय युवाओं की त्वरित अनुकूलनशीलता की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आधार कार्ड पूरे देश के लिए बड़ी संपत्ति हो सकता है और सभी सरकारी योजनाओं के लिए आधार बन सकता है। मोदी ने कहा कि भारत को अपने जनसांख्यिकीय लाभ का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने कहा, ' 45 वर्ष से कम उम्र की 65 प्रतिशत अबादी वाला देश पीछे नहीं रह सकता है। जनसांख्यिकीय दृष्टि से हम लाभप्रद स्थिति में हैं।'
बिजली संकट से जूझते देश के प्रधानमंत्री ने 500 और 1000 रुपये के नोटों को अमान्य घोषित किए जाने के बाद डिजिटल लेनदेन की वकालत करते हुए कहा, ' हमारे 80 करोड़ युवा हैं, अगर एक बार वे फैसला करते हैं कि हमें अर्थव्यवस्था में बदलाव लाने में सहयोग करना चाहिए तो वे आसानी से ला सकते हैं। यह क्रांति प्रधानमंत्री या वित्तमंत्री नहीं, बल्कि युवा ला सकते हैं।' उन्होंने आतंकवाद के बढ़ते खतरे के खिलाफ युवाओं को चौकन्ना रहने को भी कहा।
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