69000 शिक्षक भर्ती में इलाहाबाद हाईकोर्ट के हालिया आदेश के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने नई सूची पर मंथन शुरू कर दिया है। आरक्षण के नियमों के अनुसार सूची को तैयार करने के साथ ही विभाग इस पर ज्यादा माथापच्ची कर रहा है कि नई सूची बनने के बाद नौकरी कर रहे जो अभ्यर्थी प्रभावित होंगे उनको किस तरह समायोजित किया जाएगा। सरकार और विभाग इसपर फोकस होकर काम कर रहे हैं कि दोनों पक्ष प्रभावित न हों। इस कवायद को पूरा करने में डेढ़ से दो महीने का समय लगने की संभावना है। शिक्षक भर्ती में आरक्षण को लेकर चल रहे मामले में हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट पुरानी सभी सूची को रद्द करते हुए शिक्षक भर्ती की नए सिरे से सूची बनाने के निर्देश दिये हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी ने बैठक कर विभाग को हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिए। साथ ही यह भी कहा कि किसी के साथ अन्याय नहीं होगा।
बेसिक शिक्षा विभाग ने इस पर तेजी से काम शुरू कर दिया है। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार आरक्षण के नियमों के अनुसार नई सूची बनाने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस बारे में शासन स्तर के साथ-साथ विभाग के स्तर पर भी दो तीन बैठकें हो चुकी हैं। नई सूची को नियमानुसार तैयार करने में अपेक्षा है कि ज्यादा दिक्कत नहीं होगी।
लेकिन इस सूची के बनने के बाद जो 6-7 हज़ार अभ्यर्थी प्रभावित होंगे उनको किस तरह समायोजित किया जाए इस पर ज्यादा माथापच्ची हो रही है। चार साल नौकरी कर चुके इन अभ्यर्थियों को समायोजन के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई जाए इसे लेकर शासन व विभाग स्तर पर विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। विभाग अलग से अगर कोई भर्ती निकालकर इनको समायोजित करता है तो उसमें भी नियमानुसर आरक्षण देना होगा। ऐसे में विभाग विशेष प्रावधान के तहत कैबिनेट से प्रस्ताव पास कराकर इसको समायोजित करने पर भी विचार कर रहा है। इस प्रक्रिया को पूरा करने में डेढ़ से दो माह का समय लगने कि संभावना व्यक्त कि जा रही है।