यूपी के आलू किसानों को मिल रही है आलू की दोगुनी कीमत

आलू किसानों के लिए अच्छी खबर है, मई तक आलू की कीमत खुदरा बाजार में 40 फीसदी बढ़ सकती है। हालांकि इस साल आलू की पैदावार कम होने की आंशका है। क्योंकि आलू की खेती का रकबा पिछले वर्ष की तुलना में इस बार घटा है। उत्तर प्रदेश के किसानों और ट्रेडर्स का अनुमान है कि इस साल आलू की पैदावार में 30 पर्सेंट की कमी आएगी। पिछले साल बंपर पैदावार हुई थी और आलू की पैदावार 160 लाख टन पहुंच गई थी।
पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज असोसिएशन के अध्यक्ष पतित पबन डे ने बताया कि इस साल आलू की पैदावार लगभग 95 लाख टन हुई है। कोल्ड स्टोरेज आलू से भर गए हैं। इनकी 90 पर्सेंट स्टोरेज कपैसिटी का इस्तेमाल हो रहा है। आलू किसानों को इस बार अच्छी कीमत मिली है। आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ में यहां के आलू की ज्यादा मांग है। पिछले साल किसानों को 4.5-5 रुपये किलो का भाव मिला था, जो अभी 9-10 रुपये किलो चल रहा है।
बंगाल के ट्रेडर्स का मानना है कि मई में आलू की कीमत खुदरा बाजार में 40 पर्सेंट तक बढ़ सकती है। अभी खुदरा बाजार में यह 14 रुपये प्रति किलो के भाव पर बिक रहा है। मई में यह 20 रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकता है। पिछले साल यूपी में आलू किसानों ने विरोध जताया था जिसपर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथआलू किसानों की नाराजगी को दूर करने के लिए
उनसे सीधे आलू खरीदेगी। योगी सरकार मार्केट इंटरवेंशन स्कीम के तहत किसानों से सीधे 2 लाख टन आलू खरीदेगी। सरकार किसानों से 5,490 रुपये प्रति टन की कीमत पर आलू खरीदेगी। वह किसानों को प्रति मीट्रिक टन 1,373 रुपये का भुगतान अलग से करेगी।
आलू किसानों को मिल रही ज्यादा कीमत को लेकर फेडरेशन ऑफ कोल्ड स्टोरेज असोसिएशन के सेक्रटरी राजेश गोयल ने बताया कि खेत से आलू ले जाने के लिए किसानों को ट्रेडर्स की तरफ से अच्छी कीमत ऑफर की जा रही है। क्वॉलिटी के हिसाब से किसानों को आलू के लिए 9-12 प्रति किलो का रेट मिल रहा है।
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