
निर्यात और रोजगार के नजरिये से सबसे लाभकारी उधयोगों में से एक लेदर व फुटवियर सेक्टर पर केंद्र के बाद प्रदेश सरकार भी महत्वपूर्ण नीति लाने की तैयारी में हैं। एमएसएमई विभाग इसे तैयार करेगा। इसके अंतर्गत लेदर व फुटवेयर इकाइयों को वित्तीय सहायता, टेक्नोलोजी अपग्रेडेशन के लिए प्रोत्साहन राशि, निर्यात संवर्धन में मदद का ब्लू प्रिंट होगा। केंद्र के साथ यूपी सरकार के इस सहयोग से प्रदेश की फुटवियर इंडस्ट्री में अगले पांच साल में 100 फीसदी की ग्रोथ का आकलन है।
लेदर और नान लेदर फुटवियर की मांग साल दर साल बढ़ती जा रही है।इसका अनुमान ऐसे लगा सकते हैं कि यदि भारत में ही प्रति व्यक्ति एक जोड़ी फुटवियर भी बढ़ गया तो 140 करोड़ फुटवियर कि मांग अतिरिक्त होगी। भारत में प्रति व्यक्ति फुटवियर 3 से भी कम है। वहीं यूरोप में ये 8 और अमेरिका में 9 फुटवियर प्रति व्यक्ति है।
प्रदेश सरकार पहली बार एक नीति लाने कि तैयारी में है जिसके तहत डिजाइन कैपिसिटी, कम्पोनेंट निर्माण, मशीनरी और कुशल कार्यबल को तैयार किया जाएगा।
यूपी की जरूरत और क्षमताएं
यूपी में फुटवियर इंड्रस्टी के लिए जमीन वहाँ मिले जहां हाइवे और एक्स्प्रेवे करीब हो।
ऐसी जगह मिले जहां श्रमिक, कर्मचारी, के साथ अधिकारी भी रह सके।
नोएडा की तरह अच्छे शहरों से कनेक्टिविटी होनी चाहिए।
लेबर ट्रेनिंग में मदद चाहिए। ट्रेनिंग खर्च में सरकार मदद करें।
यूपी में ज्यादा क्षमता
प्रदेश सरकार थोड़ी मदद कर दे तो यूपी में 300 एकड़ के दो लेदर पार्क लग जाएंगे। यहाँ नान लेदर और लेदर फुटवियर सहित अन्य उत्पाद बनेंगे। यूपी में तमिलनाडू से ज्यादा क्षमता है।