साल 2016 के अंतिम दिन PM मोदी ने हर तबके को दी नए साल की सौगात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद साल 2016 के अंतिम दिन शनिवार को रात 7:30 बजे देश को संबोधित किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने देशवासियों को उनके नोटबंदी के बाद किए गए समर्थन का धन्यवाद दिया।
ब्याज दरों में दी छूट
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, गरीब, निम्न मध्यमवर्ग और मध्यमवर्ग घर खरीद सकें इसके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरों में इस वर्ग को नए घर देने के लिए दो नई स्कीम बनाई गई हैं। इसके तहत 2017 में घर बनाने के लिए 9 लाख रुपये तक के कर्ज पर ब्याज में 4 प्रतिशत की छूट मिलेगी और 12 लाख रुपये तक के कर्ज पर ब्याज में 3 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नोटबंदी पर देशवासियों के संघर्ष की सराहना की और कहा कि देशवासियों के सहयोग से शुद्धि यज्ञ चला। प्रधानमंत्री मोदी ने नववर्ष की पूर्व संध्या पर शनिवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा, 'करोड़ों देशवासी घुटन से मुक्ति की अवसर की तलाश कर रहे थे। ऐसी परिस्थितियां जिन्हें उनका मन स्वीकार नहीं करता, लेकिन उन्हें सहना पड़ता था, मजबूरन स्वीकार करना पड़ता था।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में आम आदमी, किसानों, वरिष्ठ नागरिकों व गर्भवती महिलाओं के लिए योजनाओं की घोषणा की
1- प्रधानमंत्री ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए तीन करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड को रुपे कार्ड में बदलने की घोषणा की है, साथ ही छोटे व्यापारियों के लिए भी योजनाओं की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने छोटे कारोबारियों को करों में बड़ी राहत देने का फैसला किया है।
2- मुद्रा योजना की सफलता की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, 'मुद्रा योजना की सफलता निश्चित तौर पर बेहद उत्साहवर्धक रही है, जिसका जनजाति समुदाय के लोगों सहित 3.5 करोड़ लोगों ने फायदा उठाया।'
3- प्रधानमंत्री ने गर्भवती महिलाओं के लिए एक राष्ट्रव्यापी योजना शुरू करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा, 'देश के 650 से अधिक जिलों में सभी गर्भवती महिलाओं को अस्पतालों में पंजीकरण, टीकाकरण तथा पौष्टिक आहार के लिए छह हजार रुपये की रकम दी जाएगी। यह रकम सीधे उनके खाते में स्थानांतरित की जाएगी।' यह योजना पहले 53 जिलों में पायलट योजना के तहत चल रही थी, जिसे अब राष्ट्रव्यापी तौर पर लागू करने का फैसला किया गया।
4- प्रधानमंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी एक योजना की शुरुआत की है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए योजना का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'सरकार वरिष्ठ नागरिकों पर विशेष ध्यान देने जा रही है, जिसके मद्देनजर उनके लिए एक योजना शुरू करने का फैसला किया गया है। इसके तहत वरिष्ठ नागरिकों को 7.5 लाख रुपये की राशि पर 10 साल के लिए सालाना आठ फीसदी की ब्याज दर सुनिश्चित की जाएगी, जो स्थिर होगी, अर्थात बैंक द्वारा ब्याज दरें घटाने का इस पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इस ब्याज को वरिष्ठ नागरिक हर महीने बैंक से निकाल सकते हैं।'
कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी...
प्रधानमंत्री ने कहा, 'अब तक देखा गया है कि जब अच्छाई के लिए आंदोलन होते हैं तो सरकार और जनता आमने सामने होती है। ये इतिहास की ऐसी मिसाल है, जिसमें सच्चाई और अच्छाई के लिए सरकार और जनता दोनों ने मिलकर कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ी।' उन्होंने कहा कि आठ नवंबर के बाद की घटनाएं हमें पुनर्विचार करने के लिए मजबूर करती हैं। मोदी ने कहा, 'जब हम कहते हैं कि कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी.. तो देशवासियों ने इसे जीकर दिखाया।'
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, 8 नवंबर के बाद काल के कपाल पर अंकित हो चुका है कि जनशक्ति का सामर्थ्य क्या होता है। उत्तम अनुशासन किसे कहते हैं। सत्य को पहचानने की विवेक किसे कहते हैं। गरीबी से बाहर निकलने को आतुर जिंदगी क्या-कुछ नहीं कर सकती। देशवासियों ने जो कष्ट झेला है, वह भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए त्याग की मिसाल है। सवा सौ करोड़ देशवासियों ने संकल्पबद्ध होकर उज्ज्वल भविष्य की आधारशीला रखी है। जब आंदोलन होते हैं तो सरकार और जनता आमने-सामने होती है। ये इतिहास की ऐसी मिसाल है, जिसमें सचाई और अच्छाई के लिए सरकार और जनता दोनों मिलकर कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ रहे हैं।
सिर्फ 24 लाख लोग मानते हैं, उनकी आय 10 लाख रुपये सालाना
मोदी ने कहा कि हम कब तक सच्चाइयों से मुंह मोड़ते रहेंगे। मैं आपके सामने जानकारी साझा करना चाहता हूं। इसे सुनने के बाद आप या तो हंस पड़ेंगे या गुस्सा फूट पड़ेगा। आपको जानकर हैरानी होगी कि देश में सिर्फ 24 लाख लोग ये स्वीकारते हैं कि उनकी आय 10 लाख रुपये सालाना से ज्यादा है। क्या किसी देशवासी के गले ये बात उतरेगी? आप भी अपने आसपास बड़ी-बड़ी कोठियां-गाड़ियां देखते होंगे। किसी एक बड़े शहर में आपको सालाना 10 लाख से अधिक आय वाले लाखों लोग मिल जाएंगे। देश की भलाई के लिए ईमानदारी के आंदोलन को अधिक ताकत देने की जरूरत है।
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