अब नेशनल टेस्टिंग एजेंसी बनाएगी प्रवेश परीक्षा को पारदर्शी

उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश पाने के लिए दी जाने वाली परीक्षा अब नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ही सम्पन्न कराएगी। केंद्र सरकार ने यह बड़ा फैसला करते हुए प्रवेश परीक्षा की सभी प्रक्रिया को पारदर्शी करने के लिए एजेंसी के गठन की मंजूरी दे दी है।
केंद्र सरकार के इस फैसले का असर डॉक्टरी, इंजीनियरिंग और नेट सहित उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश से जुड़ी सभी तरह की परीक्षाओं पर पड़ेगा। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने एजेंसी के गठन के लिए एकमुश्त 25 करोड़ की राशि भी जारी कर दी है। बता दें कि देश में अभी तक डॉक्टरी, इंजीनियरिंग आदि में प्रवेश से जुड़ी परीक्षाएं सीबीएसई और एआईसीटीई जैसी एजेंसियों के जिम्मे था, लेकिन पिछले कुछ सालों से इन परीक्षाओं को लेकर बढ़ते विवाद को देखते हुए यह बदलाव किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जुड़े इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
केंद्र सरकार ने वर्ष 2017-18 के बजट में उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए एनटीए के गठन की घोषणा की थी, इसे अब मंजूरी दी गई है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन यह एक स्वायत्त एजेंसी होगी, जो अपनी खुद की आय से संचालित होगी। यह राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षाओं के साथ राज्यों या किसी निजी संस्थान की मांग पर उनके लिए भी परीक्षाएं आयोजित कराएगा। यह सभी परीक्षाएं ऑनलाइन ही आयोजित करेगा। इसके तहत वह छात्रों को साल में दो बार प्रवेश परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलेगा।
एजेंसी का इसके पीछे मकसद आवेदकों को बेस्ट परफार्म करने का मौका देना है। मंत्रालय की मानें तो मौजूदा समय में डॉक्टरी, इंजीनियरिंग और नेट की परीक्षाएं कराने का जिम्मा सीबीएसई, एआइसीटीई और यूजीसी जैसी संस्थानों के जिम्मे है, जबकि इनका मूल काम ऐसी परीक्षाओं को आयोजित कराना नहीं है।

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