कोरोना वायरस का सैंपल नहीं भेजा जाएगा पुणे, अब लखनऊ में ही होगी पुष्टि
कोरोना वायरस के संदिग्ध और पॉजिटिव मरीजों की संख्या उत्तर प्रदेश में भी बढ़ रही है। शनिवार को थाइलैंड से लौटी एक महिला को एयरपोर्ट से सीधा केजीएमयू में भर्ती कराया गया। इस महिला में कोरोना वायरस के लक्षण नजर आ रहे थे। इस तरह के मामलों को देखते हुए अब लखनऊ के किंग जॉज मेडिकल कॉलेज (केजीएमयू) में कोरोना वायरस की पुष्टि की जा सकेगी। अभी तक इसके लक्षणों की जांच करके सैंपल पुणे भेजा जाता था और रिपोर्ट वहां से आती थी, लेकिन अब ये झंझट खत्म हो जाएगा। लखनऊ के बाद बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) में जांच की सुविधा मिलना शुरू हो जाएगी।
दैनिक जागरण में छपी खबर के मुताबिक, कोरोना वायरस की जांच बीएसएलथ्री-लैब में होती है। इसमें अगर संदिग्ध की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उस सैंपल को दोबारा जांच के लिए पुणे भेजा जाता है। वहां की इनआईवी लैब में इसकी जांच होती है और रिपोर्ट बनती है। यह बात केजीएमयू की माइक्रोबायोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. अमिता जैन बताई। उन्होंने कहा कि अब जल्द ही केजीएमयू को भी कोरोना कंफर्मेशन का अधिकार मिल जाएगा।
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डॉ. अमिता जैन ने बताया कि अगर किसी व्यक्ति में कोरोना वायरस का रिजल्ट पॉजिटिव आता है तो उसके नाक और गले के सैंपल लेकर दो टेस्ट और किए जाते हैं। इसे लैब में पोलीमरेज चेन रिएक्शन (पीसीआर) के लिए लगाया जाता है। 48-48 घंटे पर दो बार टेस्ट किया जाता है और फिर कंफर्मेशन रिपोर्ट दी जाती है। वहीं दोनों बार निगेटिव आने पर ही संदिग्ध मरीज कोरोना निगेटिव घोषित किया जाता है। डॉ. अमिता जैन के मुताबिक, केंद्र सरकार इस पर विचार कर रही है। इसके लिए लैब को विशेष रिएजेंट (अभिकर्मक) भी मुहैया कराए जाएंगे। इन रिएजेंट की मांग की गई है। आपूर्ति होते ही लैब में कंफर्मेशन शुरू कर दिया जाएगा।
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