31 दिसंबर तक ई-टिकट पर रेलवे नहीं लेगा सर्विस टैक्स, डेबिट कार्ड पर भी छूट

ऑनलाइन भुगतान और कार्ड से भुगतान को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्रालय ने बुधवार से रूपे डेबिट कार्ड, सरकारी बैंकों के डेबिट कार्ड और रेलवे की ई-टिकटिंग से 31 दिसंबर तक लेन-देन शुल्क में छूट दे दी है और निजी बैंकों को भी ऐसा करने की सलाह दी है।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, 'डेबिट कार्ड के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकारी बैंकों और कुछ निजी बैंकों ने 31 दिसंबर तक एमडीआर (मर्चेट डिस्काउंट रेट) शुल्क नहीं वसूलने का फैसला किया है। उम्मीद है कि अन्य निजी बैंक भी ऐसा करेंगे।'
31 दिसंबर तक शुल्क नहीं वसूलने की घोषणा
इसके बाद देश के सबसे बड़े निजी बैंक आईसीआईसीआई ने डेबिट कार्ड लेनदेन पर बुधवार से 31 दिसंबर तक शुल्क नहीं वसूलने की घोषणा की है। वहीं, रेल यात्रियों को काउंटर की बजाए ई-टिकट खरीदने को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रेलवे ने ई-टिकट पर सेकेंड क्लास के लिए 20 रुपये और अपर क्लास के लिए 40 रुपये का शुल्क नहीं वसूलने का फैसला किया है।
मासिक लेन-देन की सीमा 10,000 से बढ़ाकर 20,000 रुपये
औसतन रोजाना करीब 58 फीसदी रेलयात्री ऑनलाइन टिकट खरीदते हैं और बाकी काउंटर से टिकट की खरीदारी करते हैं। ई-वॉलेट से भुगतान को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आम आदमी के लिए मासिक लेन-देन की सीमा 10,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये कर दी है।
सभी सरकारी संस्थान, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और अन्य सरकारी प्राधिकारों को सलाह दी गई है कि वे केवल डिजिटल भुगतान प्रणाली जैसे इंटरनेट बैंकिंग, यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस, कार्ड, आधारयुक्त भुगतान प्रणाली आदि का इस्तेमाल करें। सरकार के 8 नबंवर को की गई नोटबंदी के फैसले का मुख्य उद्देश्य भारत को नकदरहित समाज की ओर ले जाना है।
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