वाराणसी में भतीजे ने किया कारोबारी परिवार का कत्ल, मां-पिता की हत्या का लिया बदला

वाराणसी में करोड़पति शराब कारोबारी राजेंद्र गुप्ता सहित पूरे परिवार की हत्या का मामला परत दर परद खुलता जा रहा है। पुलिस की शुरुआती जांच के आधार पर यह थ्योरी सामने आई थी कि कारोबारी ने पूरे परिवार की हत्या के बाद सुसाइड कर लिया। हालांकि, जब जांच आगे बढ़ी तो पुलिस की यह थ्योरी बदलना शुरू हो गई। पुलिस पूछताछ में राजेंद्र की 80 साल की मां ने बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कहा दिवाली पर विक्की (राजेंद्र का भतीजा) आया था। 31 अक्टूबर की रात वह हमारे बेटे को मार देना चाहता था। मगह हमने हाथ जोड़े, उसको रोक लिया। वह अपने मां-बाप की हत्या का बदला लेना चाहता था।

पुलिस तफ्तीश विक्की तक कैसे पहुंची

दरअसल, पुलिस ने मंगलवार रात को राजेंद्र गुप्ता की मां शारदा को थाने में बुलाया था। वह आईं, उनसे करीब 8-10 सवाल पूछे गए। पुलिस सोर्स के मुताबिक, उन्होंने कहा, विक्की ने यह सब किया है। पुलिस कॉन्स्टेबल ने पूछा कि क्या दिवाली की रात विक्की के साथ कोई और भी आया था? मां ने कहा, नहीं। इसके बाद पुलिस अफसरों की सर्च लिस्ट में विक्की टॉप पर आ गया। बताया गया कि वह बेंगलुरु में जॉब करता है। मगर हत्या के बाद से ही उसका मोबाइल स्विच ऑफ है। लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रही है। ऐसे में पुलिस विक्की को पकड़ने के लिए दूसरे राज्यों की पुलिस की मदद ले रही है।

गुजरात-महाराष्ट्र के शूटरों को सुपारी देकर कराया मर्डर

पुलिस की जांच में सामने आया कि विक्की ने भले ही दादी से हत्या करने की बात कही हो, लेकिन उसने परिवार के मर्डर के लिए शूटर्स की मदद ली। ये शूटर महाराष्ट्र और गुजरात से बुलाए गए। पांच हत्याओं की डील कितने में हुई थी, यह पुलिस पता लगा रही है।

दूसरा भतीजा जुगनू पुलिस हिरासत में है। विक्की को पुलिस ट्रेस कर रही है। पुलिस ने जब विक्की की मोबाइल CDR निकाली की तो सामने आया कि विक्की और राजेंद्र की पहली पत्नी के बेटे के बीच लंबी-लंबी बातचीत हुई है। हत्या वाली रात (सोमवार) को भी दोनों मोबाइल से संपर्क में थे। यह डेटा दोनों राज्यों की पुलिस ने शेयर किया हुआ है। इसमें कुछ क्रिमिनल के नाम सामने आए हैं, जो सुपारी लेकर हत्या करते हैं। पुलिस इनकी जांच कर रही है। यही वजह है कि वाराणसी पुलिस का एक दरोगा और तीन कॉन्स्टेबल आसनसोल (पश्चिम बंगाल) रवाना हुए हैं। वहां पर पहली पत्नी का बेटा जॉब करता है।

नौकरानी, पड़ोसी और मां ने भतीजों पर जताया शक

नौकरानी रेनू से पुलिस पूछताछ कर चुकी है। क्लू मिला कि भतीजे दिवाली पर घर आए थे। सब खुश थे, मगर कुछ बात होने के बाद परिवार के लोग गुस्से में थे। परिवार के सदस्यों में किसने क्या कहा, ये नौकरानी नहीं बता सकी। पड़ोसियों से पूछताछ में सामने आ चुका है कि दो संदिग्ध लड़के घर के पास उस रात मौजूद थे। पड़ोसियों ने भी दोनों भतीजों पर शक जताया था। मां शारदा ने भी पुलिस के सामने यही कहा था कि रात में खाना खाने के बाद बेटा राजेंद्र अपने नए घर पर लौट गया था। वह फिर दोबारा घर नहीं आया।

1997 में कुछ इस तरह हुई कारोबारी परिवार में खूनी खेल की शुरुआत…

भदैनी इलाके में संपन्न कारोबारी लक्ष्मी नारायण के दो बेटे राजेंद्र गुप्ता और कृष्णा गुप्ता थे। घर में शराब और प्रॉपर्टी का बड़ा काम था। 5 लाख रुपए महीने मकानों के किराएदारी से आते थे। बाकी शराब ठेके अलग थे।

कारोबार और प्रॉपर्टी की बागडोर छोटे बेटे कृष्णा के हाथ में रहती थी। वह पिता के ज्यादा करीब थे। यह बात राजेंद्र गुप्ता को अखरती थी, इसलिए दोनों भाइयों के बीच विवाद भी चल रहा था। इस परिवार में खूनी खेल की शुरुआत 1997 में हुई, जब राजेंद्र ने अपने छोटे भाई कृष्ण और उनकी पत्नी को घर में ही सोते हुए गोली मार दी थी। उसके बाद राजेंद्र मौके से फरार हो गया। पुलिस इन्वेस्टिगेशन में आखिरकार राजेंद्र फंसा और अरेस्ट होकर जेल चला गया।

घर में कृष्णा के दो बेटे जुगनू और विक्की थे, जिन्होंने राजेंद्र गुप्ता के खिलाफ थाने से लेकर कोर्ट तक केस की पैरवी की। राजेंद्र के जेल जाने के बाद भी कृष्णा के दोनों बेटों से विवाद बरकरार रहा। इस दौरान शराब ठेका और प्रॉपर्टी का कारोबार राजेंद्र के पिता संभालते रहे। उन्होंने अपने पौत्र जुगनू और विक्की को भी काम सिखाना शुरू कर दिया था।

इस बीच 2003 में राजेंद्र पैरोल पर छूटकर जेल से बाहर आ गया। वह एक बार फिर पूरे कारोबार पर अपना वर्चस्व जमाने की कोशिश करने लगा। मगर पिता का रुख सख्त था। वह नहीं चाहते थे कि उनके छोटे बेटे को मारने वाला परिवार में शामिल भी हो। इसलिए उन्होंने परिवार और कारोबार से राजेंद्र को दूर रखा। राजेंद्र को यह सब ठीक नहीं लगा। उसने अपने पिता के मर्डर की भी प्लानिंग कर डाली।

पुलिस के मुताबिक, राजेंद्र ने आचार्य रामचंद्र शुक्ल चौराहा पर देसी शराब के ठेके के पास अपने पिता की हत्या करवा दी। इस दौरान उनके साथ रहने वाले गार्ड को भी गोली मारी गई, उसकी मौत हो गई। यानी सुपारी देकर डबल मर्डर कराया गया। इसके बाद राजेंद्र ने कारोबार पर अपना वर्चस्व जमाना शुरू कर दिया।

अब पुलिस की थ्योरी समझते हैं…

  • अपने माता-पिता की हत्या का बदला लेने के लिए अपने चाचा समेत पूरे परिवार की हत्या भतीजों ने करवाई है।
  • चूंकि पहली पत्नी का बेटा आसनसोल (पश्चिम बंगाल) में रहता है। उसको राजेंद्र गुप्ता की प्रॉपर्टी से कुछ नहीं मिल पा रहा था। अब जबकि राजेंद्र और दूसरी पत्नी-बच्चे मर चुके हैं, ऐसे में पहली पत्नी और बेटे का हक बढ़ जाता है। वह विक्की के संपर्क में था।

किसको कैसे मारा, पूरी कहानी समझते हैं…

दिवाली पर मर्डल की हुई रेकी

पुलिस मान रही है कि दिवाली पर मर्डर की रेकी हुई है। नीतू और बच्चे पुश्तैनी घर में रहते हैं, राजेंद्र नए घर में चला जाता है। यह सब कातिलों को पता था। फोरेंसिक टीम मान रही है कि पहले नीतू और उनके तीन बच्चों की हत्या की गई है। फिर राजेंद्र की हत्या की गई है। जब कातिल वहां पहुंचे तो एक महिला पहले से कमरे में थी, जिसके जाने का कातिलों ने इंतजार किया है। उसके जाने के बाद राजेंद्र को नग्न अवस्था में ही गोली मार दी गई।

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