यूपी में अति पिछड़ों व अति दलितों को मिलेगा अलग आरक्षण

उत्तर प्रदेश में अति पिछड़ों और अति दलितों की स्थिति को सुधारने के लिए प्रदेश की योगी सरकार अलग से आरक्षण की व्यवस्था करने जा रही है। बिहार में लागू ऐसी व्यवस्था की ही तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी सरकार यह व्यवस्था लागू करना चाहती है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में एेलान किया कि अति पिछड़ों और अति दलितों को अलग से आरक्षण की व्यवस्था की जाएगी। सीएम योगी ने कहा कि सरकार इसके लिए कमेटी भी बना रही है। बजट सत्र को संबोधित करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'यह दुर्भाग्य की बात है कि लंबे समय तक उन लोगों को नजरअंदाज किया गया, जिन्हें आरक्षण की सबसे ज्यादा आवश्यकता है।' सीएम ने इस दौरान कहा कि पिछली सरकारों ने इन वर्गों की अनदेखी की।
राजनाथ के शासन में लागू होनी थी ऐसी व्यवस्था
सीएम ने कहा कि यूपी सरकार इसके लिए जल्द ही एक कमेटी का गठन करेगी। उत्तर प्रदेश में इससे पहले राजनाथ सिंह के कार्यकाल में भी इस तरह का प्रस्ताव आया था लेकिन अदालत ने रोक लगा दी थी। बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तर्ज पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अति पिछड़ों व अति दलितों को साधने की तैयारी में हैं। बता दें कि 2005 के विधानसभा चुनावों में नीतीश कुमार ने अति पिछड़ों व अति दलितों को आरक्षण देने का कार्ड खेला था। उसके बाद से ही बिहार की राजनीति बदल गई। यूपी में अभी तक अनुसूचित जाति (एससी) के लिए 15 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए 7.5 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। योगी सरकार की ओर से अति पिछड़ों और अति दलितों को इसी कोटे के अंदर अलग से आरक्षण का लाभ देने की तैयारी है।
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