5 वर्षों में 83,000 किमी का हाईवे बनाएगी मोदी सरकार

किसी भी देश के विकास में रोड की भूमिका अहम होती है। क्योंकि बिना बेहतर कनेक्टिविटी के विकास की रफ्तार धीमी होती है। सड़कों की खराब हालत के चलते भारत में ट्रक रोजाना 250-300 किलोमीटर का सफर तय कर पाता है, जबकि विकसित देशों में यह फासला 700-800 किलोमीटर का होता है। इसलिए मोदी सरकार लगातार देश में हाईवे व रोड निर्माण पर जोर दे रही है। इसी क्रम में केंद्र सरकार ने 7 लाख करोड़ रुपये के हाइवे प्रोजक्ट को मंजूरी दे दिया है। मोदी सरकार ने इसके साथ ही महत्वाकांक्षी भारतमला प्रोजक्ट को भी मंजूरी दे दी है। देश के विकास में ये प्रोजेक्ट मील का पत्थर साबित होगा। इन 5 वर्षों में 14.2 करोड़ कार्यदिवस पैदा होंगे। जिससे रोजगार के अवसर में खासी वृद्धि होगी।
केंद्रीय कैबिनेट ने दी मंजूरी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि केंद्र सरकार जल्द ही प्रथम चरण में 20 हजार किलोमीटर के राजमार्गों का निर्माण करने के लिए भारतमला परियोजना का शुभारंभ करेगी। केंद्रीय मंत्रीमंडल ने अगले पांच सालों में बनने वाले 7 लाख करोड़ से बनने वाले 83000 किलोमीटर वाले हाईवे प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। जिसमें भारतमला भी शामिल है। राजधानी दिल्ली में केंद्रीय कैबिनेट की एक बेहद महत्वपूर्ण बैठक हुई। जिसमें इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई। सड़क परिवहन मंत्री गडकरी ने पहले कहा था कि भारतमला परियोजना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार किया जा रहा है।
क्या है भारतमाला परियोजना
भारतमाला परियोजना भारत सरकार का एक मेगा प्लान है, जिसके तहत बेहतर कनेक्टिविटी तैयार करना है। रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे मिनिस्ट्रीण ने ग्लोबल कंसल्टेंसी फर्म एटी कर्ने द्वारा प्रपोज्ड भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत स्टडी कराई थी। फर्म ने 44 इकोनॉमिक कॉरिडोर आईडेंटिफाई किया था। इकोनॉमिक कॉरिडोर प्रोजेक्ट का मकसद कार्गो का तेजी से मूवमेंट कराना है। नेशनल हाईवे डिवेलपमेंट प्रॉजेक्ट के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा हाईवे प्रोजेक्ट है।
वाजपेयी सरकार ने डाली थी नींव
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने एनएचडीपी (नेशनल हाइवे डिवेलपमेंट प्रॉजेक्ट) शुरू किया था। इसी के तहत चार महानगर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई को जोड़ने के लिए स्ववर्णिम चतुर्भुज योजना बनाई गई थी। इसमें श्रीनगर को कन्याककुमारी से जोड़ने वाला नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर और पोरबंदर से सिल्चेर से जोड़ने वाला ईस्टा-वेस्ट कॉरिडोर शामिल है। मोदी सरकार ने इसी कार्ययोजना को आगे बढ़ाते हुए, भारतमाला प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। ये ऐतिहासिक प्रोजेक्ट देश की विकास रफ्तार को दोगुना कर देगा। साथ ही रोजगार में बढ़ोत्तरी होगी।
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