यूपी के 32 शहरों के गरीबों को मिलेगा आशियाना

यूपी में बीजेपी सरकार बनने और लोकसभा चुनाव नजदीक आने के मद्देनजर केंद्र की मोदी सरकार ने यूपी पर ध्यान केंद्रित कर दिया है।
सरकार ने यूपी की महत्ता को समझते हुए ‘प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सबके लिए आवास (शहरी मिशन) योजना’ को धरातल पर उतारने की कोशिश तेज कर दी हैं। पहले चरण में 32 शहरों में 11,286 मकान बनाने के लिए जो डीपीआर तैयार हुआ था उसे केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। इन मकानों के निर्माण पर करीब 384.59 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
राज्य नगरीय विकास अभिकरण (सूडा) द्वारा तैयार कराए गए इस डीपीआर को करीब दो महीने पहले मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली स्टेट स्टीयरिंग कमेटी से मंजूरी मिलने के बाद केंद्र को भेजा गया था। दरअसल, केंद्र ने 2015 में यह योजना लागू की लेकिन तत्कालीन अखिलेश सरकार ने इसे तवज्जो नहीं दी। लिहाजा अन्य प्रदेशों की तुलना में यूपी इस योजना को शुरू करने में पिछड़ गया।
केंद्र 60 प्रतिशत व बाकी का राज्य सरकार देगी अनुदान
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने के लिए अब केंद्र सरकार 60 और राज्य सरकार 40 प्रतिशत अनुदान देगी। इससे पहले 50-50 प्रतिशत की हिस्सेदारी तय हुई थी लेकिन बाद में इसे संशोधित कर दिया गया। इस योजना में बनने वाले प्रति मकान की लागत करीब 3.49 लाख रुपये तय की गई है। इसमें से करीब 1.5 लाख केंद्र और 1 लाख रुपये राज्य सरकार अनुदान के रूप में देगी।
सालाना 3 लाख से कम आय वालों के लिए शुरू की गई इस योजना में बनने वाले मकानों का निर्माण लाभार्थी को खुद कराना है। केंद्र और राज्य सरकारें सिर्फ अनुदान देंगी। मकान बनाने के लिए करीब 20 लाख लोगों ने आवेदन किया है। सरकार इन आवेदनों का सत्यापन कराने जा रही है।
सभी शहरों में गरीबों के लिए मकान बनवाना चाहती है सरकार
विभाग के एक उच्चाधिकारी कहते हैं कि सरकार की मंशा है कि सूबे के सभी शहरों में पहले एक-एक परियोजना का डीपीआर बने। इसमें करीब एक लाख मकान बनाने का लक्ष्य रखा जाए। इसी आधार पर अधिकारियों को डीपीआर तैयार कराने का निर्देश दिया गया है।
गौरतलब है, पिछले दिनों लखनऊ आए केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने भी समीक्षा बैठक में इस योजना पर ध्यान देने को कहा था। उसी बैठक में नायडू ने राज्य सरकार द्वारा भेजे गए 11 हजार मकानों के डीपीआर को मंजूरी देने का निर्देश भी दिया था। इसी क्रम में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने उस डीपीआर को मंजूरी दी है।
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