सुरेश प्रभु की महात्वाकांक्षी योजना, 40 हजार पुराने कोचों का होगा कायाकल्प

ये बात तो माननी पड़ेगी कि मोदी सरकार में रेल मंत्रालय ने रेल यात्रियों की सुविधाओं के लिए कई प्लान बनाए हैं। हालांकि रेल यात्रियों से इसकी कीमत वसूल ली जाती है, बावजूद इसके अगर व्यवस्था में सुधार हो रहा है तो इसकी सराहना करनी चाहिए। इसी क्रम में रेलमंत्री सुरेश प्रभु की एक महात्वाकांक्षी योजना पर रेल मंत्रालय काम करने जा रहा है।
पुराने कोच को कायाकल्प करने का प्लान
भारतीय रेल यात्रियों को बेहतर से बेहतर सुविधा देने के लिए रेल मंत्रालय लगातार काम कर रहा है। इसी कड़ी में आने वाले समय में इसके तहत करीब 40 हजार पुराने कोचों का कायाकल्प होगा। जिसे रेल मंत्रालय आधुनिक सुविधाओं से लैस करेगा। इस काम पर 8,000 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।
सरकार के इस मिशन रेट्रो फिटमेंट प्रॉजेक्ट के तहत भारतीय रेलवे अपनी रेलों के कोचों का न सिर्फ इंटीरियर बदलेंगी, बल्कि कई प्रकार की आवश्यक सुविधाएं और सेफ्टी फीचर्स भी प्रोवाइड करवाएगी। साथ ही एलईडी लाइट्स, ब्रैंडेड फिटिंग्स, धुएं से ही बज उठने वाले अलार्म इसके मिशन के तहत लगाए जाएंगे। साथ ही इनमें मजबूत कपलर लगाए जाएंगे ताकि दुर्घटना के समय बोगियों के पलटने का खतरा कम हो।
2022- 23 तक अपग्रेड करने की योजना
भारतीय रेलवे दरअसल 40 हजार कोचों के इंटीरियर को साल 2022- 23 तक अपग्रेड करने की योजना बना रही है। इस कार्ययोजना को लागू करने पर प्रति कोच 30 लाख रुपये का खर्च आएगा। योजना के मुताबिक, इन डिब्बों की साज-सज्जा और इनमें बैठने की व्यवस्था को बेहतर बनाया जाएगा और शौचालय में भी आधुनिक तरीके के होंगे। इस काम पर प्रति कोच 30 लाख रुपये तक का खर्च आएगा। अगले 5 साल में यह काम पूरा हो जाएगा। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, 2023 तक रेलवे में 40,000 नई सुविधाओं वाले डिब्बों को शामिल कर दिया जाएगा। चालू वित्त वर्ष के दौरान ऐसे 1,000 डिब्बे जोड़े जाएंगे।
नवीनीकृत कोचों में बॉयो टॉयलेट होंगे
रेलवे का कहना है कि कोच रिहेबिलिटेशन वर्कशॉप (भोपाल) के तहत 57 कोचों का पहले ही नवीनीकरण किया जा चुका है। ये नए कोच वाराणसी-नई दिल्ली महामना एक्सप्रेस में चल रहे हैं। इन्हें 22 जनवरी 2016 को इस ट्रेन में फिट कर दिया गया है। अगले वित्त वर्ष में यह संख्या बढ़कर 3,000 तक पहुंच जाएगी और उसके बाद अगले वित्त वर्ष में यह संख्या 5,500 तक पहुंच जाएगी। अधिकारी ने बताया कि 2018-19 से लेकर 2022-23 के दौरान रेलवे सालाना आधुनिक सुविधाओं वाले 15,000 नए डिब्बों का विनिर्माण करने लगेगी।
नवीनीकृत कोचों में बॉयो टॉयलेट होंगे। पैसेंजर्स का पता-सूचना सिस्टम होगा, ब्रेल लिपि में साइनबोर्ड होंगे, लैपटॉप और मोबाइल चार्जिंग के पॉइंट बढ़ाए जाएंगे। कोचों के नवीनीकरण के लिए बेहतरीन कच्चे माल का प्रयोग किया जाएगा जैसे कि पॉलीकार्बोनेट एबीएस, ग्लास फाइबर जिस पर प्लास्टिक और स्टेनलेस स्टील होगा। ऐसे ही कुछ और फीचर्स होंगे।
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