अपने आवास या व्यावसायिक संस्थान में रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट (वर्षा जल संचयन संयंत्र) स्थापित न करने वाले 390 लोगों को मेरठ विकास प्राधिकरण ने अनोखी सज़ा दी है। प्राधिकरण ने इन लोगों की 1.29 करोड़ रुपए की धनराशि ज़ब्त कर ली है। इस राशि से पूरे शहर में कई सामुदायिक रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट स्थापित कराई जाएंगी। यही नहीं इन लोगों को निर्धारित समय में अपने भवन में भी यूनिट की स्थापना करनी होगी अन्यथा भवन का मानचित्र निरस्त कर दिया जाएगा। मेडा ने पहली बार ऐसी कार्यवाही की है।
मेडा ने 26 से 29 जुलाई तक मानचित्र स्वीकृत 729 भवनों में सत्यापन कराया था। 220 भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट पाई गई। जबकि 390 में यूनिट की स्थापना नहीं हुई थी। 64 भवनों में यूनिट निर्माणाधीन मिली। 55 ऐसे भवन हैं जिनमें यूनिट तो मिली लेकिन उनका सत्यापन फिर से होगा।
एफडी का नियम
300 वर्ग मीटर व उससे अधिक क्षेत्रफल के भवन में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग यूनिट अनिवार्ये है। मानचित्र का आवेदन करते समय भवन स्वामी को गार्ंटी के रूप में फिक्स्ड़ डिपाजिट (एफडी) देनी होती है। अवसीय भवन के लिए 300 से 500 वर्ग मीटर तक के लिए 15 हज़ार रुपए, 500 से 1000 वर्ग मीटर तक के लिए 30 हज़ार रुपए, 1000 वर्ग मीटर से अधिक के लिए 50 हज़ार रुपए के हिसाब से एफडी जमा करनी होती है।
व्यावसायिक श्रेणी में 300 से 500 वर्ग मीटर तक के लिए 20 हज़ार रुपए, 500 से 1000 वर्ग मीटर तक के लिए 50 हज़ार रुपए, 1000 वर्ग मीटर से अधिक के लिए 1 लाख रुपए के हिसाब से एफडी जमा करनी होती है। उप्र भवन उपविधि में नियम है कि जब भवन स्वामी यूनिट कि स्थापना के बाद प्रमाण प्रस्तुत करेगा तो उसकी एफडी वापस कर डी जाएगी। यदि निर्धारित समय पर स्थापना नहीं होती है तो एफडी ज़ब्त कर ली जाएगी।
प्रभारी प्रमुख नगर नियोजक विजय कुमार सिंह का कहना है कि नियम एवं शर्त का उल्लंघन करने पर 390 भवन स्वामियों पर कार्यवाही कि गई है। सत्यापन से पूर्व व उससे पहले भी कई बार नोटिस भेजा गया था। ज़ब्त कि गई धनराशि से सामुदायिक यूनिट कि स्थापना सरकारी परिसर या उन स्थानों पर होगी जहां बरसात के मौसम में जल भराव होता है।