यूपी: राज्य के बाहर MBBS करने वालों को नहीं मिलेगा राज्य कोटे का फायदा
लखनऊ बेंच ने आज यूपी सरकार के एक और शासनादेश को रद्द कर दिया है जिसके तहत प्रदेश के बाहर से एमबीबीएस करने वाले यूपी के मूल निवासी छात्रों को नीट-पीजी 2019 में स्टेट कोटे के लिए एलिजिबल माना गया था।
अब नए नियम के अनुसार ऐसे छात्र जिन्होंने यूपी के बाहर से एमबीबीएस किया होगा वो मेडिकल छात्र राज्य कोटे के हकदार नहीं होंगे। यूपी सरकार ने 9 मार्च को शासनादेश जारी किया था जिसे लखनऊ बेंच ने रद्द कर दिया है। इस शासनादेश के तहत प्रदेश के बाहर से एमबीबीएस करने वाले यूपी के मूल निवासी छात्रों को नीट-पीजी 2019 में स्टेट कोटे के लिए अर्ह (एलिजिबल) माना गया था। लेकिन कोर्ट ने इसे रद्द करते हुए चिकित्सा शिक्षा के प्रावधानों व मौलिक अधिकारों के विपरीत करार दिया है।
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ये था पूरा मामला
यह आदेश जस्टिस आलोक माथुर की बेंच ने डॉ जितेंद्र गुप्ता व अन्य की ओर से दाखिल याचिका को मंजूर करते हुए पारित किया गया। याचिकाकर्ताओं ने शासनादेश को चुनौती देकर उसे मनमाना व उनके मौलिक अधिकारों का हनन करने वाला बताया था। याचिकाकर्ता दूसरे राज्यों के मूल निवासी हैं। उन्होंने केंद्रीय कोटे के तहत केजीएमयू से एमबीबीएस किया। नीट-2019 की लिखित परीक्षा भी पास कर ली पर उन्हें स्टेट कोटे में तरजीह नहीं दी गई। इसके उलट यूपी निवासी वे छात्र जिन्होंने 15 प्रतिशत ऑल इंडिया कोटे से प्रदेश के बाहर के मेडिकल कॉलेज या संस्थान में दाखिला लिया और एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की, उन्हें नीट पीजी-2019 में स्टेट कोटा लिए अर्ह माना गया।
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